रामबनः जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में रविवार तड़के भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़ और भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में मकान, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दूल्हे मशकूर ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप एक दूल्हा बारात के साथ समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करता हुआ देखा गया। भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण उसे अपने खास दिन पर मीलों पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आज मेरी शादी का दिन है। हमें पैदल जाना है। कल हुई भारी बारिश के कारण यह स्थिति है। हमने सुबह 6 बजे यात्रा शुरू की। हमने अपनी कारें पीछे पार्क कर दीं और अब हम बाकी रास्ता पैदल चलेंगे। हमें अभी भी लगभग 7-8 किमी और चलना है। समाचार एजेंसी एएनआई को बताया। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं जिसके कारण यातायात रोक दिया गया। इससे सैकड़ों वाहन इस मार्ग पर फंस गए हैं।
यह 250 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। अधिकारियों ने बताया कि सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अकीब अहमद (12), उसके भाई मोहम्मद साकिब (10) और उनके पड़ोसी मुनिराम (65) के रूप में की गई है। अचानक आई बाढ़ में सड़कें बह जाने के कारण कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए।
गांव के निवासी मोहम्मद हाफिज ने बताया, ‘‘मैंने अपनी जिदंगी में ऐसा मौसम कभी नहीं देखा। सुबह करीब साढ़े चार बजे बादल फटने की तेज आवाज से मेरी नींद खुली और कुछ ही देर में मदद के लिए चीख-पुकार मच गई।’’ इन तीन लोगों की मौत होने के साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले दो दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
इससे पहले, रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 10 मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए और शेष को आंशिक क्षति पहुंची।