नई दिल्ली: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एकबार फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई है। नूपुर शर्मा ने दायर याचिका में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित नफरत भरे बयान के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है।
उन्होंने देशभर में अपने खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को क्लब करने का निर्देश देने की मांग की है। इसके साथ ही उसने इस संबंध में अपनी याचिका पर सुनवाई करते हुए 1 जुलाई को एक अवकाश पीठ द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को समाप्त करने की मांग की।
बता दें कि जब पिछली बार नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था तब न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने शर्मा को पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी। पीठ ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा था कि शर्मा की टिप्पणी ने दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को जन्म दिया और देश भर में भावनाओं को प्रज्वलित करने का अकेले जिम्मेदार माना था।
शर्मा की टिप्पणियों ने मुस्लिम समूहों (जिनमें से कुछ हिंसक हो गए) द्वारा बड़े पैमाने पर रैलियों के साथ देश के भीतर हंगामा खड़ा कर दिया था, इसके अलावा कई मुस्लिम देशों ने अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराया था। इसके तुरंत बाद, शर्मा को भाजपा से निलंबित कर दिया गया।
वहीं नूपुर शर्मा के कथित समर्थन के कारण महाराष्ट्र के अमरावती में एक कैमिस्ट की और राजस्थान में उदयपुर में कन्हैया लाल की बेहरमी से हत्या कर दी गई।