नई दिल्लीः कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कुछ राजनीतिक दलों बिहार चुनाव को टालने की मांग की कर रहे हैं। इस बीच चुनाव टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार सुनवाई करने से इनकार कर कर दिया है। याचिका में बिहार विधानसभा चुनाव को तब तक स्थगित करने का अनुरोध किया गया था जब तक कि राज्य कोरोना वायरस संक्रमण मुक्त घोषित नहीं हो जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। अभी चुनाव संबंधी कोई अधिसूचना नहीं जारी हुई है, ऐसे में हम कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
हालांकि निर्वाचन आयोग के उच्च पदस्थ सूत्र कह चुके हैं कि बिहार में विधानसभा चुनाव समय पर होगा। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो जाएगा। ऐसे संकेत हैं कि अक्टूबर-नवंबर के बीच किसी समय चुनाव हो सकते हैं।
निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया था कि बिहार का चुनाव निश्चित तौर पर समय पर होगा। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने महामारी के समय चुनाव कराने के औचित्य पर सवाल उठाया है। राजग की घटक लोक जनशक्ति पार्टी ने महामारी के मद्देनजर चुनाव टालने का अनुरोध किया है। राकांपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी जैसे कुछ अन्य दलों ने भी चुनाव टालने की मांग की है।
महामारी के दौरान बिहार विधानसभा का चुनाव और कुछ अन्य उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए सुझाव पर राजनीतिक दलों ने हाल में अपना जवाब दिया था। पिछले सप्ताह आयोग ने महामारी के दौरान चुनाव और उपचुनाव कराने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश को सामने रखा था।
चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, मतदाताओं को मतदान के दौरान ग्लव्स दिए जाएंगे। पृथक-वास में रहने वाले कोविड-19 के मरीजों को मतदान के दिन अंतिम समय में मतदान करने की अनुमति दी जाएगी। कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे । मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर से जांच की जाएगी।