लाइव न्यूज़ :

न्यायालय ने अंतरिम डीजीपी की नियुक्ति में झारखंड, यूपीएससी की भूमिका के लिए खिंचाई की

By भाषा | Updated: September 3, 2021 21:34 IST

Open in App

उच्चतम न्यायालय ने उसके एक फैसले का कथित उल्लंघन करते हुए अंतरिम डीजीपी की नियुक्ति में भूमिका के लिए झारखंड सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की शुक्रवार को खिंचाई की। न्यायालय ने अपने एक फैसले में राज्य पुलिस प्रमुख के लिए दो साल का निश्चित कार्यकाल तय किया था और उनका चयन यूपीएससी द्वारा तैयार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सूची से किया जाना है। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ इस बात से अप्रसन्न थी कि राज्य सरकार ने आईपीएस अधिकारी नीरज सिन्हा को तदर्थ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है और यूपीएससी डीजीपी के चयन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार करने से इनकार कर रही है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमने राज्य सरकार का हलफनामा देखा है और हमने यूपीएससी का 'महान' हलफनामा भी देखा है। उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि राज्य में क्या हो रहा है... यूपीएससी में बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।’’ न्यायालय ने 14 जुलाई को झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और यूपीएससी के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी को उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई के अनुरोध वाली एक याचिका पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन सरकार ने न्यायालय के 2006 के उस फैसले की अवहेलना की, जिसमें पुलिस सुधारों पर कई निर्देश जारी करने के अलावा, डीजीपी के लिए दो साल का निश्चित कार्यकाल तय किया गया था।पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने सुनवाई के दौरान झारखंड के मूल निवासी राजेश कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की दलील पर गौर किया। कुमार ने मुख्य सचिव और यूपीएससी अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई का अनुरोध किया है।पीठ ने रोहतगी से नए डीजीपी को अवमानना ​​याचिका में एक पक्ष बनाने के लिए कहा और झारखंड सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वकील कपिल सिब्बल से सवाल किया कि सिन्हा को क्यों नियुक्त किया गया जब न्यायालय इस मामले से अवगत है। सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार यूपीएससी से डीजीपी के चयन की खातिर एक सूची तैयार करने के लिए बार-बार अनुरोध कर रही है और यूपीएससी ने उसे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई