सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार(30 अक्टूबर) को फिर से पटाखों को लेकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही जलेंगे। इसके साथ ही कहा देश के बाकी हिस्सों में सामन्या तौर पर ही पटाखे जालाए जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी कीमत पर पटाखे सिर्फ दो घंटे ही जलाए जाएंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के अवसर पर तमिलनाडु में पटाखे चलाने के लिए भी दो घंटे की समय सीमा तय कर दी है। राज्य सरकार को इसके लिए निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि किस राज्य में कब दो घंटे पटाखें जलाए जाने हैं, इसका फैसला राज्य सरकार करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले पटाखें रात आठ बजे से दस बजे तक जलाए जाने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, तमिलनाडु, पुडुचेरी जैसे स्थानों पर पटाखे फोड़ने के लिए समय में बदलाव होगा लेकिन यह अवधि दिन में दो घंटे से अधिक नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिवाली पर ग्रीन पटाखे का उपयोग करने के बारे में दिया गया उसका आदेश दिल्ली-एनसीआर के लिए था, भारत के सभी राज्यों के लिए नहीं।
दिल्ली में मौसम में प्रदूषण को बढ़ते देख सुप्रीम कोर्ट का फैसला
दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति मंगलवार को सुबह ‘गंभीर’ होने के कगार पर पहुंच गई। पड़ोसी राज्यों में भारी मात्रा में पराली जलाने से इस मौसम में प्रदूषण की सबसे खराब स्थिति है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 397 दर्ज की गई जो गंभीर स्तर से तीन अंक नीचे और इस मौसम में प्रदूषण के लिहाज से सर्वाधिक है। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के 17 इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)