सरकार के अड़ियल रुख से भारत की छवि को हुआ नुकसान क्रिकेटर के ट्वीट से ठीक नहीं हो सकता हैः थरूर

By अनुराग आनंद | Published: February 4, 2021 07:48 AM2021-02-04T07:48:41+5:302021-02-04T07:52:10+5:30

दुनिया की मशहूर पॉप गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का ट्वीट कर समर्थन किया तो वैश्विक स्तर पर मामले को बढ़ता देख भारतीय विदेश मंत्रालय हरकत में आया। बाद में विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी तो क्रिकेटर व बॉलीवुड स्टार भी सरकार के रुख का समर्थन करने लगे।

sashi tharoor tweet on modi government on farmers protest and international celebrities tweet | सरकार के अड़ियल रुख से भारत की छवि को हुआ नुकसान क्रिकेटर के ट्वीट से ठीक नहीं हो सकता हैः थरूर

शशि थरूर ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रुख का विरोध किया (फाइल फोटो)

Highlightsबॉलीवुड के कई अभिनेताओं, किक्रेटरों और केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार के रुख का समर्थन किया है।शशि थरूर ने कहा कि भारत सरकार के लिए भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है।

नयी दिल्ली: किसान आंदोलन का वैश्विक हस्तियों के समर्थन करने के बाद आई सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया की बॉलीवुड कलाकारों और क्रिकेटरों के हिमायत करने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि केंद्र के "अड़ियल रवैये और अलोकतांत्रिक व्यवहार से " भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है।

भारत ने पॉप गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसी वैश्विक हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बॉलीवुड के कई अभिनेताओं, किक्रेटरों और केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार के रुख का समर्थन किया है।

भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है-

थरूर ने ट्वीट किया, " भारत सरकार के लिए भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है। भारत सरकार के अड़ियल और अलोकतांत्रितक बर्ताव से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं हो सकती है।"

पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री ने "इंडिया टूगेदर" (भारत एकजुट है) और "इंडिया अगेंस्ट प्रोपगेंडा" (भारत दुष्प्रचार के खिलाफ है) हैशटैग के साथ ट्वीट किए हैं। इसके बाद थरूर ने यह टिप्पणी की है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘ कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए तथा आप इंडिया टूगेदर पाएंगे।

"मानवाधिकार और आजीविका के मुद्दों से चिंतित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह तथा वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा कि यह अच्छा है कि रिहाना और थनबर्ग विदेश मंत्रालय को जगा सकती हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा, "विदेश मंत्रालय, आपको कब एहसास होगा कि मानवाधिकार और आजीविका के मुद्दों से चिंतित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं?

विदेश मंत्रालय ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर टिप्पणी क्यों की थी? इस पर विदेश मंत्रालय बेहद चिंतित क्यों था? " उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्रालय श्रीलंका और नेपाल के "आंतरिक" मामलों पर नियमित रूप से टिप्पणी क्यों करता है?

चिदंबरम ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका में कैपिटल भवन (संसद भवन) पर हमले पर टिप्पणी क्यों की थी? उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि एस जयशंकर जैसे विद्वान व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसी "बचाकानी प्रतिक्रिया " देना की इजाजत देनी चाहिए।

(एजेंसी इनपुट) 

Web Title: sashi tharoor tweet on modi government on farmers protest and international celebrities tweet

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