लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस 31 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में उत्साह के साथ मनाएगी. सरदार पटेल के जन्मदिवस को ‘राष्ट्रीय अखंडता दिवस’ के रूप में मनाए जाने का फैसला करते हुए सरकार ने राज्य के हर जिले के लिए 50 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं. इसके साथ ही सरकार ने जिलों की महान विभूतियों के जन्मदिन पर कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रत्येक जिले के लिए 35 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं. प्रदेश के राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने नेताओं ने आपत्ति की है, उनका कहना है कि देश और प्रदेश की महान विभूतियों के जन्मदिन के कार्यक्रमों को लेकर धनराशि का आवंटन करने में सरकार भेदभाव कर रही है.
सरदार पटेल के योगदान को बताएंगे
कांग्रेस की इस आपत्ति की अनदेखी करते हुए सूबे की सरकार सरदार पटेल के जन्मदिवस को भव्यता के साथ मनाए जाने की तैयारी में है. सीएम योगी के नजदीकी अधिकारियों के अनुसार, सरदार पटेल के जन्मदिन 31 अक्टूबर को प्रदेश के हर जिले में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री सरदार पटेल के योगदान के बारे में लोगों को बताएंगे.
इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश की योगी सरकार का लक्ष्य सरदार पटेल के योगदान को नेहरू से कमतर आंकने वाले इतिहास के पन्नों को बदलना है. साथ ही सुरक्षा बलों में भी उत्साह का संचार करना है, जो दिन रात देश की सीमा से लेकर कानून व्यवस्था की देख रेख में लगे हैं. कुल मिलाकर योगी सरकार सरदार पटेल का उल्लेख कर आम आदमी से अपने कनेक्ट को मजबूत करना है.
इसी सोच के तहत हर जिले को 50 हजार रुपए जिले के बड़े सभागार में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दिए गए हैं ताकि लोगो को यह विस्तार से बताया जा सके कि कांग्रेस ने सरदार पटेल के योगदान को बताने में हमेशा संकोच किया, जबकि मोदी सरकार के सत्ता पर काबिज होने के बाद ही देश की जनता यह जान पायी कि भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने को लेकर सरदार पटेल का क्या योगदान रहा है. यहीं नहीं मोदी सरकार की पहल पर सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा लगाई गई.
कांग्रेस नेता की आपत्ति
राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लखनऊ में सरदार पटेल के जन्मदिन पर एक भव्य कार्यक्रम होगा. इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. इसके अलावा एक रेस का आयोजन भी 31 अक्टूबर को किया जाएगा. इस रेस को सीएम योगी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
इसके अलावा लौह पुरुष के जन्म दिवस के लिए यूपी के 75 में से 74 जिलों के लिए 50-50 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं. जबकि जिलों के ऐसे ज्ञात व अज्ञात विभूतियों, महात्माओं, संत, सदपु्रुष जिन्होंने विभिन्न संप्रदायों के बीच आपसी मेल मिलाप के माहौल को सुद़ृढ़ किया हो किन्तु उन्हें अपेक्षित पहचान नहीं मिल पाई हो, ऐसी विभूतियों के जन्म दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए प्रत्येक जिले के लिए 35 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं. इस धनराशि से स्वैच्छिक संगठनों तथा जिला प्रशासन के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
सरकार के इसी फैसले पर कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है किसी के भी जन्म दिवस पर का कार्यक्रम आयोजित करने में सरकार को धनराशि का आवंटन करने में भेदभाव नहीं करना चाहिए.