संत समाज ने की मांग, 'बाबा विश्वनाथ धाम में हो योगी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 14, 2022 02:37 PM2022-03-14T14:37:13+5:302022-03-14T14:41:38+5:30

काशी का संत समाज बनारस में योगी सरकार का शपथग्रहण समारोह करवाकर पूरे संपूर्ण विश्व को संदेश देना चाहता है कि दुनिया में सब कुछ भगवान विश्वनाथ ही संचालित कर रहे हैं। सनातन धर्मावलंबियों और भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था रखने वालों के लिए मां गंगा, बाबा विश्वनाथ और काशी से बढ़कर कुछ नहीं हैं।

Sant Samaj demanded, 'Swearing-in ceremony of Yogi government should be held in Baba Vishwanath Dham' | संत समाज ने की मांग, 'बाबा विश्वनाथ धाम में हो योगी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह'

संत समाज ने की मांग, 'बाबा विश्वनाथ धाम में हो योगी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह'

Highlightsसंतों का मानना है कि काशी सनातन हिंदू धर्म की सांस्कृतिक राजधानी हैसंत समाज योगी का शपथ ग्रहण गंगा के तट या फिर काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में चाहता हैकाशी के संत समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नाथ परंपरा का महान योगी बताया

वाराणसी: काशी के संत समाज ने यूपी विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नाथ परंपरा का महान योगी बताते हुए मांग की है कि योगी आदित्यानाथ नवनिर्वाचित सरकार का शपथ ग्रहण समारोह बाबा विश्वनाथ के धाम में करें।

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि काशी का संत समाज उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में आई भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को बनारस में कराने की अपील करता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह काशी में या तो गंगा के तट पर हो या फिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में हो।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संतों का मानना है कि काशी सनातन हिंदू धर्म की सांस्कृतिक राजधानी है। यूपी चुनाव में इस बार जिस तरह से 80 और 20 का संघर्ष हुआ। उन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बेहतर यही होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह काशी में गंगा के किनारे हो।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज इसके जरिये पूरे संपूर्ण विश्व को संदेश देना चाहता है कि दुनिया में सब कुछ भगवान विश्वनाथ ही संचालित कर रहे हैं। सनातन धर्मावलंबियों और भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था रखने वालों के लिए मां गंगा, बाबा विश्वनाथ और काशी से बढ़कर कुछ नहीं हैं।

इसके साथ ही काशी के पंडितों ने योगी आदित्यनाथ को सलाह दी थी कि वह 14 मार्च यानी रंगभरी एकादशी के दिन शपथ ग्रहण कर लें क्योंकि 14 मार्च की सुबह या फिर शाम को शपथ ग्रहण के लिए उत्तम मुहूर्त है।

काशी के ज्योतिषियों ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ 14 मार्च तक मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं लेते हैं तो 15 और 15 की मध्य रात्रि से खरमास शुरू हो जाएगा और फिर उन्हें शुभ मुहूर्त के लिए एक महीने का इंतजार करना पड़ेगा। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक 14 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना कराकर वाराणसी ले आए थे।

मालूम हो कि यूपी की 403 विधानसभा सीटों में 273 सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को दोबारा यूपी का सीएम घोषित किया है।

उम्मीद जताई जा रही है कि होली के बाद 20 या 21 मार्च को योगी आदित्यनाथ की नवनिर्वाचित सरकार लखनऊ के ईकाना स्टेडियम में शपथ ले सकती है। यूपी में लगातार दूसरी जीत के खुश बीजेपी शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप देने की तैयारी कर रही है। 

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