'5 मिनट में खत्म हो सकता है किसान आंदोलन अगर...', संजय राउत ने मोदी सरकार को दी ये नसीहत
By स्वाति सिंह | Updated: December 16, 2020 16:45 IST2020-12-16T16:39:33+5:302020-12-16T16:45:38+5:30
नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच शिवसेना नेता संजय राउत संजय राउत ने बताया, 'अगर प्रधानमंत्री खुद दखल देते हैं, तो यह 5 मिनट में सुलझ सकता है।'

तीन हफ्तों से जारी इन प्रदर्शनों के चलते दिल्ली से जुड़े कई हाईवे प्रभावित हुए हैं।
मुंबई: नए कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। इसी बीच बुधवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने सरकार को किसान आंदोलन खत्म करने का उपाय बताया है। उनका कहना है कि इस उपाय से किसानों का प्रदर्शन केवल 5 मिनट में खत्म हो सकता है।
संजय राउत ने कहा, 'अगर सरकार चाहे, तो यह मुद्दा आसानी से किसानों के साथ बैठकर आधे घंटे में खत्म हो सकता है।' उन्होंने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल देने की भी बात कही है। राउत ने बताया, 'अगर प्रधानमंत्री खुद दखल देते हैं, तो यह 5 मिनट में सुलझ सकता है।' उन्होंने कहा, 'मोदी जी बड़े नेता हैं, सभी लोग उन्हें सुनेंगे। आप अपने स्तर पर बातचीत शुरू कीजिए इसके बाद जादू देखिए।'
बता दें कि तीन हफ्तों से जारी इन प्रदर्शनों के चलते दिल्ली से जुड़े कई हाईवे प्रभावित हुए हैं। किसान सरकार के कानून में संशोधनों के प्रस्ताव को भी ठुकरा चुकी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को हटाने के लिये दायर याचिकाओं पर बुधवार को केन्द्र और अन्य राज्यों से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि न्यायालय इस विवाद का समाधान खोजने के लिये एक समिति गठित कर सकता है।
इस समिति में सरकार और देश भर की किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे विरोध प्रदर्शन कर रही किसान यूनियनों को भी इसमें पक्षकार बनायें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भारतीय किसान यूनियन और कई अन्य किसान संघों को मामले में पक्षकार के रूप में बनाने की अनुमति दी है। कोर्ट ने केंद्र, पंजाब, हरियाणा को नोटिस जारी किया और उन्हें कल तक जवाब देना है। न्यायालय इस मामले में बृहस्पतिवार को आगे सुनवाई करेगा।