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संजय राउत का दावा, "एकनाथ शिंदे पहले ही सीएम बन गये होते अगर भाजपा ने गठबंधन शर्तों का सम्मान किया होता"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 11, 2022 21:36 IST

पात्रा चॉल मामले में 100 दिनों से ज्यादा की जेल काटने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अगर भाजपा चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ किये गठबंधन की शर्तों का सम्मान करती तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को पहले ही सीएम बना दिये होते।

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ठळक मुद्देपात्रा चॉल मामले में तीन महीने से ज्यादा का वक्त जेल में गुजारने वाले संजय राउत ने किया बड़ा खुलासासंजय राउत ने कहा कि साल 2019 में चुनाव के बाद ही शिवसेना एकनाथ शिंदे को सीएम बना दी होतीराउत ने कहा कि शिंदे उस समय सीएम नहीं बन पाये क्योंकि भाजपा ने गठबंधन समझौते को नहीं माना

मुंबई: शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पात्रा चॉल मामले में लगभग 100 जेल काटकर आने वाले संजय राउत ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अगर भाजपा ने झगड़े से पहले एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने के विषय में बात की होती तो शायद वो उसी समय मुख्यमंत्री बन गये होते।

मुंबई के ऑर्थर रोड जेल से लगभग तीन महीने से ज्यादा का वक्त बिताकर कोर्ट के आदेश पर रिहा होने वाले राउत ने कहा कि अगर चुनाव के बाद भाजपा ने सरकार बनाने से पहले उद्धव ठाकरे से बात की होती तो शिवसेना प्रमुख उस समय ही एकनाथ शिंदे को सीएम बना दिये होते।

इंडिया टुडे समूह से बात करते हुए शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के पूर्व प्रमुख संजय राउत ने कहा, "महाराष्ट्र चुनाव से पहले हमने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। उस समय तय हुआ खा कि चुनाव में जीत के बाद सत्ता की हिस्सेदारी दोनों दलों में बराबर-बराबर होगी। हम हिंदुत्व को आगे ले जाना चाहते थे, जो हमारी भी सोच है और उनकी भी विचारधारा का मूल है।"

इसके साथ ही संजय राउत ने यह भी कहा, "हम तो उस समय एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, जब भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का गठबंधन किया था। यह पार्टी का फैसला था और अगर भाजपा उस वक्त अपने वादे को निभाती, तो निश्चिततौर पर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री की गद्दी पर एकनाथ शिंदे को ही बैठाते।"

संजय राउत ने भाजपा-शिवसेना में एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का फैसला होने पर उद्धव ठाकरे द्वारा सीएम पद की शपथ लेने पर कहा, "उद्धव ठाकरे को भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद अलग परिस्थितियों में सीएम बनना पड़ा, जबकि उनकी कोई बहुत इच्छा नहीं थी सीएम पद की। जब भाजपा ने बराबरी की हिस्सेदारी से इनकार कर दिया, तभी तो ठाकरे ने एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ बात करके एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की महाविकास अघाड़ी का निर्माण किया।"

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