Same-sex marriage verdict: समलैंगिक सहित अविवाहित जोड़े संयुक्त रूप से एक बच्चे को गोद ले सकते हैं, सीजेआई ने कहा...
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 17, 2023 12:01 PM2023-10-17T12:01:02+5:302023-10-17T12:02:03+5:30
Same-sex marriage verdict: सीजेआई ने कहा कि यौन अभिविन्यास के आधार पर संघ में प्रवेश करने का अधिकार प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। विषमलैंगिक संबंधों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को व्यक्तिगत कानूनों सहित मौजूदा कानूनों के तहत शादी करने का अधिकार है।
Same-sex marriage verdict: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ आज विवाह समानता पर फैसला सुना रही है। पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं। सीजेआई ने अपनी राय पढ़कर शुरुआत की।
Same-sex marriage case | Justice Kaul says legal recognition of same-sex unions is a step towards marriage equality. However, marriage is not the end. Let us preserve autonomy as it does not impinge on others' rights.
— ANI (@ANI) October 17, 2023
चार फैसले हैं, जिनमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस भट और जस्टिस नरसिम्हा का एक-एक फैसला है। सीजेआई ने कहा कि यौन अभिविन्यास के आधार पर संघ में प्रवेश करने का अधिकार प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। विषमलैंगिक संबंधों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को व्यक्तिगत कानूनों सहित मौजूदा कानूनों के तहत शादी करने का अधिकार है।
Marriage equality case | Justice Ravindra Bhat says he does not agree with the directions issued by the CJI on the Special Marriage Act. pic.twitter.com/AWHmFeTwVI
— ANI (@ANI) October 17, 2023
समलैंगिक जोड़े सहित अविवाहित जोड़े संयुक्त रूप से एक बच्चे को गोद ले सकते हैं। समलैंगिक विवाह मामले पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चार फैसले हैं, फैसलों में कुछ हद तक सहमति और कुछ हद तक असहमति होती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश समलैंगिक समुदाय के संघ में प्रवेश के अधिकार के खिलाफ भेदभाव नहीं करेंगे।
चंद्रचूड़ ने कहा, "केंद्र सरकार समलैंगिक संघों में व्यक्तियों के अधिकारों और हकदारियों को तय करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। यह समिति राशन कार्डों में समलैंगिक जोड़ों को 'परिवार' के रूप में शामिल करने, समलैंगिक जोड़ों को संयुक्त बैंक खातों के लिए नामांकन करने में सक्षम बनाने, पेंशन, ग्रेच्युटी आदि से मिलने वाले अधिकारों पर विचार करेगी। रिपोर्ट को केंद्र सरकार के स्तर पर देखा जाएगा।"
The Union Government, State Government and Union Territories shall not discriminate against the right of the queer community to enter into union, says Supreme Court. https://t.co/qDOaiK8b1q
— ANI (@ANI) October 17, 2023
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "यह कहना गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है। अगर विशेष विवाह अधिनियम को खत्म कर दिया गया तो यह देश को आजादी से पहले के युग में ले जाएगा। विशेष विवाह अधिनियम की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है या नहीं, यह संसद को तय करना है। इस न्यायालय को विधायी क्षेत्र में प्रवेश न करने के प्रति सावधान रहना चाहिए।"
सीजेआई ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के लिए वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में कोई भेदभाव न हो और सरकार को समलैंगिक अधिकारों के बारे में जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया।
सरकार समलैंगिक समुदाय के लिए हॉटलाइन बनाएगी, हिंसा का सामना करने वाले समलैंगिक जोड़ों के लिए सुरक्षित घर 'गरिमा गृह' बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अंतर-लिंग वाले बच्चों को ऑपरेशन के लिए मजबूर न किया जाए।