लखनऊ: कोरोना महामारी के खतरे के बीच शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली की आई तस्वीरों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। रैली में भारी संख्या में समर्थकों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी दिखी। ऐसे में आने वाले दिनों में अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दरअसल लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस रैली में भाजपा छोड़ चुके स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य विधायकों ने सपा की सदस्यता ली।
इंडिया टुडे के अनुसार अभिषेक प्रकाश ने कहा, 'समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली बिना इजाजत के आयोजित की गई। भीड़ की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम और मजिस्ट्रेट को सपा कार्यालय भेजा गया। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।'
चुनाव आयोग ने लगा रखी है रैली पर रोक
कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने सभी चुनावी राज्यों में 15 जनवरी तक के लिए रैलियों पर रोक लगाई है। इस दौरान चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि सभी कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से किए जाएं। सपा ने भी अपने कार्यक्रम को वर्चुअल रैली नाम दे रखा था। हालांकि भीड़ काफी ज्यादा थी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संबंधित गाइडलाइन की भी जमकर धज्जियां उड़ी।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन कर जहां भी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं, वहां शहर की पुलिस तैनात की जा रही है। उन्होंने कहा, 'हमें सोशल मीडिया पर एसपी कार्यालय के बाहर भीड़ जमा होने की सूचना मिली और भीड़ को हटाने के लिए पुलिस कर्मियों को भेजा गया थआ।'
कोविड नियमों के उल्लंघन पर सपा ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने कहा, 'यह हमारे पार्टी कार्यालय के अंदर एक वर्चुअल कार्यक्रम था। हमने किसी को नहीं बुलाया लेकिन लोग आए। लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए काम करते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'भाजपा के मंत्रियों के दरवाजे और बाजारों में भी भीड़ है, लेकिन उन्हें केवल हमसे एक समस्या है।'