Samadhan Yatra: 'जिविका दीदियों’ ने संभाला मोर्चो, सम्राट चौधरी ने कहा-ये कैसी समाधान यात्रा है, यात्रा स्थल पर एक भी स्थानीय जनता नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: January 8, 2023 04:14 PM2023-01-08T16:14:06+5:302023-01-08T16:15:06+5:30
Samadhan Yatra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिविका दीदियों को स्कूलों के जांच पड़ताल का भी जिम्मा सौंप दिया है।
पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जारी समाधान यात्रा 'जिविका दीदियों’ के सहारे चल रही है। मुख्यमंत्री अपने यात्रा के क्रम में भले ही फीडबैक लेने की बात कह रहे हों, लेकिन वह आम लोगों से दूरी बनाये हैं। स्थिति यह है कि गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं।
यही नहीं मुख्यमंत्री के दौरे से पूर्व जिला प्रशासन और पटना की स्पेशल टीम के द्वारा मॉक ड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जाता है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री उस स्थल की ओर जाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा के दौरान सुरक्षा में कोई चूक ना रह जाए ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है।
दौरे के दौरान जिलों में अलग-अलग स्थानों पर ड्रॉप गेट बना दिए जाते हैं, जहां पुलिस के जवानों की तैनाती की जाती है। यात्रा के दौरान कोई भी व्यक्ति वहां नहीं फटके इसके लिए पुरी तैयारी की जाती है। जिला प्रशासन के द्वारा चुने हुए जगहों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाते हैं। इस दौरान वहां कोई अपनी शिकायत नहीं करे इसकी चेतावनी पहले ही दे दी जाती है।
कार्यक्रम के बाद शाम में जिविका दीदियों का समूह सरकार की तारीफ में कसीदे गढ़ती हैं। जिविका दीदियों के समूह बैठक के दौरान गिनिचुनी पांच-सात दीदियां सरकार के कार्यों की तारीफ में गुनगान करती हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी बातों को सुन-सुनकर मंद-मंद मुस्काते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हैं।
अब तो मुख्यमंत्री ने जिविका दीदियों को स्कूलों के जांच पड़ताल का भी जिम्मा सौंप दिया है। ऐसे में विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता सम्राट चौधरी ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि ये कैसी समाधान यात्रा है, जहां मुख्यमंत्री की यात्रा स्थल पर एक भी स्थानीय जनता, स्थानीय जनप्रतिनिधि नहीं हैं।
इससे साबित होता है कि नीतीश की सरकार को जनता ने अब सिरे से नकार दिया है। मुख्यमंत्री की सभा हो या रैली जदयू के नेता और सरकार के अधिकारी जीविका दीदियों को, आशा कार्यकर्ताओं को आगे बिठाकर भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। एक ओर ठंड को देखते हुए स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की यात्रा में बच्चों और शिक्षकों को जबरन परेशान किया जा रहा है।