नई दिल्ली: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख के रूप में बहाल होने के एक दिन बाद सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की कि पित्रोदा ने नेतृत्व को आश्वासन दिया था कि वह विवादों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का विचार नहीं है। पित्रोदा को लोकसभा चुनाव के बीच कई विवादास्पद टिप्पणियों के कारण 8 मई को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि जयराम रमेश ने जो कहा वह जयराम का विचार था, न कि इस मामले पर पार्टी की राय। विपक्ष के नेता राहुल गांधी के करीबी विश्वासपात्र सैम पित्रोदा ने कहा कि उन्हें गलतियां करने का अधिकार है।
पित्रोदा ने एनडीटीवी से कहा, "ऐसा कांग्रेस नहीं कह रही है। ये तो कह रहे हैं जयराम। जयराम जो कहते हैं वह जयराम का विचार है, जरूरी नहीं कि वह पार्टी का विचार हो। जयराम का यह कहना ठीक है और मैं इसका सम्मान करता हूं।' मुझे वही करना है जो मुझे करना है। इस प्रक्रिया में, मैं गलतियां करने का हकदार हूं।"
लोकसभा चुनाव से पहले सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत कर पर अपनी टिप्पणी से बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। भाजपा ने पित्रोदा की टिप्पणी पर तंज कसते हुए दावा किया कि कांग्रेस लोगों की गाढ़ी कमाई को छीनना चाहती है। पित्रोदा ने चैनल से कहा कि वह विरासत कर का प्रस्ताव नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी उस टिप्पणी पर भी स्पष्टीकरण दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर के लोग चीनियों की तरह दिखते हैं, उन्होंने कहा कि यह उनका कहने का तरीका है कि हम कितने विविध हैं। उन्होंने कहा कि यह कहने में कुछ भी नस्लीय नहीं है कि हम अफ्रीका से आए हैं। पित्रोदा की बहाली के बाद जयराम रमेश ने कहा कि उन्हें इस आश्वासन पर नियुक्त किया गया था कि वह भविष्य में इस तरह के विवादों के लिए जगह नहीं छोड़ेंगे।
जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा, "हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान सैम पित्रोदा ने कुछ ऐसे बयान और टिप्पणियां की थीं जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए अस्वीकार्य थीं। आपसी सहमति से, उन्होंने प्रवासी भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने उस संदर्भ को स्पष्ट किया जिसमें बयान दिए गए थे और बाद में मोदी अभियान द्वारा उन्हें कैसे विकृत किया गया था।"
उन्होंने ये भी कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें इस आश्वासन पर दोबारा नियुक्त किया है कि वह भविष्य में इस तरह के विवाद पैदा होने की गुंजाइश नहीं छोड़ेंगे।" भाजपा ने कांग्रेस के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पित्रोदा को हटाना महज एक चुनावी हथकंडा है।