पंजाब में अगले साल चुनाव होने हैं। इसके चलते सभी सियासी दलों ने भी चुनावी ताल ठोक दी है। इस समय पंजाब में जगदीश टाइटलर को लेकर सियासत गरमा गई है। दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने टाइटलर को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का स्थायी सदस्य बनाया है, जिसके बाद यह मुद्दा पंजाब की राजनीति में जोरशोर से उठने लगा है। इस मुद्दे को शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने पुरजोर तरीके से उठाया है। एसएडी आगामी विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव पेश करेगी, जिसमें 1984 के सिख नरसंहार के लिए कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर की गिरफ्तारी की मांग करेगी।
पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा, "अकाली दल 8 नवंबर को शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव पेश करेगी, जिसमें 1984 के सिख नरसंहार के लिए जगदीश टाइटलर, अन्य कांग्रेसियों की गिरफ्तारी और गांधी परिवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी, जिनके कहने पर इस नरसंहार को अंजाम दिया गया था।"
पार्टी अध्यक्ष ने कहा, "कांग्रेस इन कसाईयों को दंडित करने के बजाय उनका समर्थन कर रही है। उन दंगों के आरोपियों में से एक टाइटलर पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।"
वहीं इस मुद्दे को लेकर भाजपा भी पंजाब कांग्रेस पर निशाना साध चुकी है। बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को घेरने की कोशिश की थी।
बीजेपी की ओर से पार्टी महासचिव तरुण चुग ने सवाल पूछा था कि इन दोनों नेताओं को यह बताना चाहिए कि क्या दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में स्थाई सदस्य के रूप में जगदीश टाइटलर का समर्थन किया था?
गौरतलब है कि साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में हुए सिख विरोधी दंगों में जगदीश टाइटलर का नाम सामने आया था।