सबरीमला मंदिर में 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आवास पर जमा होकर रविवार की रात प्रदर्शन किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य तिरुवनंतपुरम स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘क्लिफ हाउस’ के पास एकत्र हुए और प्रदर्शन किया।
रविवार की रात को ही अरणमुला, कोच्चि, कोल्लम, अल्पुझा, रानी, तोडुपुझा, कलाडी, मल्लपुरम और इडुक्की में भी ऐसे प्रदर्शन हुए। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश प्रमुख प्रकाश बाबू ने कहा कि पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ सोमवार को युवा मोर्चा पूरे दिन राज्यव्यापी प्रदर्शनों का आयोजन करेगी।
सन्निधानम के नादपंथल इलाके में ताजा प्रदर्शन शुरू होने के बाद रविवार की रात सबरीमला मंदिर में प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। यहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पुलिस के प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, ऐसी अपुष्ट सूचना है कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को पथनमथिट्टा जिले के मनियार थाने में ले जाया गया है लेकिन स्थानीय पंबा थाने के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है।
तिरुवनंतपुरम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा नेता एम एस कुमार ने कहा कि पुलिस उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सबरीमला मंदिर में एक भी युवा महिला को ले जाने में कामयाब नहीं हुई। उच्चतम न्यायालय ने अपने 28 सितंबर के आदेश में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी।
माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार का रुख है कि वह अदालत के आदेश को लागू करने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य है जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि वे श्रद्धालुओं के साथ है। भाजपा/आरएसएस और दक्षिणपंथी संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु समूह की किसी भी महिला को प्रवेश नहीं करने देंगे।
सुरेंद्रन और दो अन्य को जबरन मंदिर के लिए जाने की कोशिश के बाद शनिवार रात को एहतियातन हिरासत में लिया गया और उन्हें सबरीमला से करीब 50 किलोमीटर दूर चित्तर पुलिस थाने लाया गया।
पुलिस ने उन्हें सबरीमला जाने से रोकने के लिए कानून एवं व्यवस्था की स्थिति तथा मंदिर परिसर में तनावपूर्ण स्थिति का हवाला दिया। सुरेंद्रन को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।बाद में भाजपा नेता को कोट्टारक्कारा उप कारागार लाया गया।
भाजपा के प्रदर्शन से एक दिन पहले हिंदू एक्यावेदी ने उनकी नेता के पी शशिकला को एहतियातन हिरासत में रखने के खिलाफ हड़ताल आहूत की थी। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।