केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट बुधवार (17 अक्टूबर) को खुल गए हैं। मंदिर आज रात 10:30 तक खुला रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यहां महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की कोशिश की जा रही है। वहीं, मंदिर के आसपास धारा 144 लगा दी गई है।
महिला पत्रकारों पर हुए हमले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है, आगे का कदम उठाने के लिए एनसीडब्ल्यू कार्यालय में एक बैठक चल रही है।700 पुलिसवालों को तैनात कर दिया गया है, 300 और पुलिसकर्मी निलाक्कल पहुंचने के लिए रास्ते में हैं। वहीं 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहीं मंदिर के बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट गोपालकृष्णन की पत्नी को हिरासत में ले लिया गया है, उनके अलावा करीब 20 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा सुप्रीक कोर्ट के फैसले का होगा पालन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मुताबिक, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानेंगे। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, 'हम किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। सरकार सबरीमाला मंदिर जाने वाले भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी।'
मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया है, 'राज्य सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी। हमने कोर्ट में कह चुके हैं कि आदेश को लागू किया जाएगा।' बता दें कि 17 अक्टूबर बुधवार को मंदिर के दरवाजे खुलने हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने के आदेश दिए थे। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ना करने के नियम को पिछले 800 सौ सालों से माना जा रहा था। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक था।
ये था सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का पुराना नियम
सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आए।