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एस जयशंकर ने कहा- भारत में प्रेस सबसे स्वतंत्र है, प्रेस फ्रीडम पर रिपोर्ट को बताया माइंड गेम

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 7, 2023 19:44 IST

प्रेस इंडेक्स पर भारत की कम रैंकिंग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि ये माइंड गेम खेलने के तरीके हैं जो उस देश के रैंक को कम करने जैसा है जिसे आप पसंद नहीं करते हैं जबकि अन्य की नहीं करते हैं।

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ठळक मुद्देएस.जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत में प्रेस सबसे स्वतंत्र हैमैसुरु में 'मोदी सरकार की विदेश नीति' पर चर्चा कर रहे थे एस.जयशंकरप्रेस इंडेक्स पर भारत की कम रैंकिंग को बताया माइंड गेम

नई दिल्ली: मैसुरु में 'मोदी सरकार की विदेश नीति' पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने रविवार को कहा कि  भारत में प्रेस सबसे स्वतंत्र है। एस.जयशंकर से  प्रेस इंडेक्स पर भारत की कम रैंकिंग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मैं भारत की रैंकिंग पर चकित था। मुझे लगता है कि हमारे पास सबसे स्वतंत्र प्रेस है और कोई मौलिक रूप से कुछ गलत कर रहा है।

अफगानिस्तान के साथ भारत की रैंक की तुलना करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि प्रेस इंडेक्स में अफगानिस्तान में प्रेस को भारत से ज्यादा स्वतंत्र बताया गया है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं? जयशंकर ने कहा कि ये माइंड गेम खेलने के तरीके हैं जो उस देश के रैंक को कम करने जैसा है जिसे आप पसंद नहीं करते हैं जबकि अन्य की नहीं करते हैं।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर का यह बयान रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा अपना प्रेस इंडेक्स जारी करने और भारत को 161वें स्थान पर रखने के कुछ दिनों बाद आया है। इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान 152वें स्थान पर था। पिछले साल भारत 150वें स्थान पर था। इस बार भारत 11 पायदान नीचे गिरा है।

इसी कार्यक्रम में जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। मोदी सरकार की विदेश नीति विषय पर उन्होंने कहा, "मैं राहुल गांधी से चीन पर क्लास लेने की सोच रहा था लेकिन मुझे पता चला कि वह खुद ही चीनी राजदूत से चीन पर क्लास ले रहे हैं।"

जयशंकर ने कहा कि आपने शायद ही कभी मुझे 1962 के बारे में यह कहते हुए सुना होगा कि, ऐसा नहीं होना चाहिए था, या इसमें किसी की गलत हैं, या कोई जिम्मेदार है। जो हुआ वह हो गया। यह हमारी सामूहिक विफलता या जिम्मेदारी थी। जरूरी नहीं कि मैं इसे राजनीतिक रंग दे दूं। वास्तव में चीन के साथ गंभीर बातचीत कह जरूरत है। मैं यह स्वीकार करने के लिए तैयार हूं कि इस पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, लेकिन अगर इस मामले में सिर्फ स्लैगिंग हो तो मैं उसके बाद क्या कह सकता हूं?

टॅग्स :S Jaishankarचीनलद्दाखLadakhLine of Actual Control
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