विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने नारायणी बसु द्वारा लिखी गई वीपी मेनन की बॉयोग्राफी के विमोचन के बाद कई ट्वीट किया। एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा, इस किताब से मैंने जाना कि 1947 में नेहरू (भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू) अपनी कैबिनेट में पटेल (सरदार पटेल) को जगह नहीं देना चाहते थे। एक अन्य ट्वीट में एस जयशंकर ने लिखा, 'नारायणी बसु की ओर से लिखी गई वीपी मेनन की बॉयोग्राफी में पटेल के मेनन और नेहरू के मेनन में काफी विरोधाभास देखने को मिला। काफी लंबे वक्त के बाद एक ऐतिहासिक पुरुष के साथ न्याय हुआ है।'
एक अन्य ट्वीट में लिखा, राजनीति के इतिहास को लिखने के लिए हमें पूरी ईमानदारी चाहिए। उन्होंने लिखा, 'वीपी मेनन ने कहा था कि जब सरदार पटेल की मौत हुई तो उनकी यादों को भुलाने के लिए व्यापक स्तर पर कैंपेन चलाया गया था। मैं यह इसलिए जानता हूं क्योंकि मैंने यह देखा है।'
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस में हमेशा से ही जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के रिश्तों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह भी अक्सर इसको लेकर बयान देते रहते हैं।