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भारत और जापान की दोस्ती की मिसाल हैं 'रूद्राक्ष'

By भाषा | Updated: July 15, 2021 18:41 IST

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वाराणसी, 15 जुलाई अन्तरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘‘रुद्राक्ष’’ भारत-जापान की दोस्ती की अद्भुत मिसाल है। इस केंद्र का निर्माण शिवलिंग की आकृति में किया गया है और इसमें एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं। 186 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बारह सौ लोगों की बैठने की क्षमता है।

बृहस्पतिवार को वाराणसी दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "रुद्राक्ष" अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया।

उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ‘‘रूद्राक्ष’’ को जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने डिजाइन किया है जबकि निर्माण भी जापान की ही फुजिता कॉपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय रखी गई, जब जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए थे। प्राचीन और जीवंत शहर को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफ़ा ‘‘रूद्राक्ष’’ के रूप में दिया है, जहां अब बड़े संगीत समारोह, संगोष्ठियां, नाटक और प्रदर्शनियां आयोजित हो सकेंगी। इस भवन को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है, खास तौर पर आग से बचाव के लिये।

वाराणसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि इमारत में किसी भी तरह की आग लगने पर कार्यक्रम देख रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अग्नि मानकों के लिहाज से इंतजाम किये गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को शिवलिंग की आकृति में बनाया गया है। इसमें एल्युमिनियम के 108 बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष लगाए गए हैं। सिगरा नगर निगम के बगल में करीब तीन एकड़ (13196 वर्ग मीटर) में 186 करोड़ रूपये की लागत से बने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 120 वाहनों की पार्किंग तलघर में बनाई गई है।

भूतल और प्रथम तल मिलाकर हॉल हैं जिसमें 1200 लोग एक साथ बैठक सकते हैं। हॉल में वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों लगाई गई हैं। विभाजन के जरिये हॉल में बैठने की क्षमता कम की जा सकती है। दिव्यांगजनों के लिए भी दोनों दरवाजों के पास छह-छह व्हील चेयर का इंतज़ाम हैं। इसके अलावा शौचालय भी दिव्यांगों के अनुकूल बनाए गए है। इसके अलावा आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगों की क्षमता वाला दो कांफ्रेंस हॉल और गैलरी भी है, जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस है। इस हॉल को भी जरुरत के मुताबिक घटाया या बढ़ाया जा सकता है।

‘‘रुद्राक्ष’’ को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने वित्तपोषित किया है। इसकी डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयार की है और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है। इसका निर्माण 10 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था। अब भारत- जापान की दोस्ती का प्रतीक ‘‘रुद्राक्ष’’ बन कर तैयार हो गया है।

‘‘रुद्राक्ष’’ में छोटा जापानी उद्यान बनाया गया है और 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर संयंत्र लगाया गया है। वीआईपी रूट और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग है।

‘‘रुद्राक्ष’’ को वातानुकूलित रखने के लिए इटली से मंगाये गए उपकरण लगाये गये है। निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए ग्रीन ‘रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट’ की और से रुद्राक्ष को ग्रेडिंग-तीन मिला है। ‘‘रुद्राक्ष’’ में सीसीटीवी कैमरों समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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