नयी दिल्ली, आठ सितंबर आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा है कि पांचजन्य धर्मयुद्ध का शंखनाद कर रहा है । वैद्य का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस साप्ताहिक में साफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की आलोचना करने से जुड़े एक लेख से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख ने दूरी बना ली थी ।
पांचजन्य एवं आर्गेनाइजर के नये कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मनमोहन वैद्य ने कहा है कि भारत का विचार सर्वसमावेशक है और इसी को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में वैचारिक युद्ध तो चल ही रहा है, साथ ही राष्ट्रवादी शक्तियां मजबूत न होने पाए इसके लिये राष्ट्रविरोधी तत्व हर स्तर पर प्रयासरत हैं ।
उन्होंने सोमवार को आयोजित समारोह में कहा, ‘‘ ऐसे में भारत में राष्ट्रविरोधी विचारों को प्रभावी नहीं होने देना है। एक तरह से यह धर्मयुद्ध है और पांचजन्य धर्मयुद्ध का शंखनाद ही है। ’’ वैद्य ने कहा कि जो लोग धर्म के साथ नहीं हैं, उन पर बाण चलाने पड़ेंगे । उन्होंने कहा कि हमने सारे समाज को अपना माना है, इसलिये समाज को साथ लेकर चलना पड़ेगा जो भारत का मूल विचार है।
संघ के सह सरकार्यवाह ने कहा, ‘‘ सभी भारत माता की संतान है और सभी के सहयोग से ही हम धर्मयुद्ध जीतेंगे । ’’
गौरतलब है कि पांचजन्य और आर्गेनाइजर भारत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होते हैं और ऐसा समझा जाता है कि इन दोनों साप्ताहिक पत्रिकाओं में संघ से संबंधित वैचारिक विचार प्रदर्शित होते हैं ।
पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि पांचजन्य और आर्गेनाइजर राष्ट्रीय महत्व से जुड़े विषयों को उठाते हैं और इसलिये जाने जाते हैं ।
पांचजन्य ने इस महीने के अपने एक अंक में प्रकाशित लेख में साफ्टवेयर कंपनी द्वारा तैयार किये गए आयकर और जीएसटी पोर्टल में खामियों को लेकर उसकी आलोचना करते हुए आशंका व्यक्त की थी कि क्या इंफोसिस के माध्यम से कोई राष्ट्र विरोधी ताकत भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि पांचजन्य में कंपनी के बारे में छपे विचारों के लिए संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारतीय कंपनी के रूप में इंफोसिस ने भारत की तरक्की में अहम योगदान दिया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।