आरएसएस पदाधिकारी निंबाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया है। अर्जी में कहा गया है कि राजनीतिक कारणों से उनका नाम मामले में घसीटा जा रहा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में दर्ज प्राथमिकी में निंबाराम का भी नाम है। निंबाराम की ओर से उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में याचिका दायर करने वाले भाजपा विधि प्रकोष्ठ के वकील जी एस गिल ने बताया कि ‘‘हमने याचिका में कहा है कि कथित वीडियो में जिस 20 करोड़ रुपये के कमीशन सौदे की बात है वह आरएसएस नेता निंबाराम और बीवीजी कंपनी के अधिकारियों के बीच नहीं था। उन्हें कांग्रेस द्वारा राजनीतिक रूप से परेशान किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि कांग्रेस, आरएसएस के खिलाफ एक प्रस्ताव लाई है। हमने प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया है क्योंकि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को निंबाराम के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है।’’ उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति एवं भाजपा नेता राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के अधिकारी को भ्रष्टाचार मामले में जून में गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने राजाराम गुर्जर और कंपनी के अधिकारी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और आरएसएस नेता निंबाराम समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित रखी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तत्कालीन महापौर के पति राजाराम और कंपनी के एक अधिकारी के बीच निगम से कंपनी के बकाया बिलों के भुगतान के बदले कथित तौर पर 20 करोड़ रुपये कमीशन के बारे में बातचीत का एक वीडियो वायरल होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी। वीडियो में निंबाराम के बैठे हुए दिखाई देने पर ब्यूरो ने उनका नाम भी प्राथमिकी में शामिल किया था।
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