RSS को रास नहीं आ रही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां, बेरोजगारी-मंदी को लेकर भारतीय मजदूर संघ आंदोलन की तैयारी में

By नितिन अग्रवाल | Published: September 12, 2019 08:59 AM2019-09-12T08:59:03+5:302019-09-12T08:59:03+5:30

भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के एक पदाधिकारी ने बताया कि 25 सितंबर से 2 अक्तूबर तक विभिन्न मुद्दों पर देशभर में जनजागरण कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

RSS does not like the economic policies of the Modi government, in preparation for the Bharatiya Mazdoor Sangh movement for unemployment-recession | RSS को रास नहीं आ रही मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां, बेरोजगारी-मंदी को लेकर भारतीय मजदूर संघ आंदोलन की तैयारी में

मोहन भागवत-नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय मजदूर संघ तीन स्टील कारखानों के निजीकरण के मुद्दे पर भी सरकार से साथ नहीं है.कोयला सेक्टर में 100% विदेशी पूंजी के मुद्दे पर भी बीएमएस का विरोध है.

केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे शासनकाल के 100 दिन के कामकाज का हवाला देकर भले ही खुद की पीठ थपथपा रही है लेकिन भाजपा के मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कई मोर्चों पर नाकामी नजर आ रही है.

आर्थिक मोर्चे पर सरकार की नीति पर संघ अपने अनुषंगी संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के माध्यम से इसके विरोध की योजना बना रहा है.

बीएमएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि 25 सितंबर से 2 अक्तूबर तक विभिन्न मुद्दों पर देशभर में जनजागरण कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

इन कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार की नीतियों पर ऐतराज करने के साथ-साथ आम लोगों को इसके प्रभाव और मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में जागरूक किया जाएगा.

इसमें बैंकों के विलय का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा. इस फैसले के विरोध में बैंकिग क्षेत्र पर होने वाले असर के साथ-साथ अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति को लेकर भी सरकार की आलोचना की जाएगी.

संगठन तीन स्टील कारखानों के निजीकरण के मुद्दे पर भी सरकार से साथ नहीं है. बीएमएस दुर्गापुर, सेलम और भद्रावती स्टील कारखानों को निजी हाथों में देने के फैसले को सरासर अनुचित मान रहा है.

कोयला सेक्टर में 100% विदेशी पूंजी के मुद्दे पर भी बीएमएस का विरोध है.

सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक ठेका कर्मचारियों के इस्तेमाल को लेकर भी संगठन की खासी नाराजगी है.

संगठन का कहना है कि देश में पहले से ही नौकरियों के मौके कम हो रहे हैं ऐसे में सरकार का नौकरियों कम करने के अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर होगा.

संसद पर प्रदर्शन करेगा यूएफबीयू

बैंक यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने भी बैंकों के विलय के फैसले का विरोध किया है. यूएफबीयू ने 20 सिंतबर को इसके खिलाफ संसद पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसके अतिरिक्त केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलकर भी विरोध जताया जाएगा. 

Web Title: RSS does not like the economic policies of the Modi government, in preparation for the Bharatiya Mazdoor Sangh movement for unemployment-recession

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