पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए आज शाम पांच बजे एयर एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स ले जाया गया. तेजप्रताप और बेटी मीसा भारती उनको लेकर दिल्ली गईं.
लालू यादव पिछले तीन दिनों से पटना के पारस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं थे. लेकिन अभी उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. लालू यादव को एक्सपर्ट मेडिकल टीम की देखरेख में दिल्ली ले जाया गया है. पारस अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. आशिफ रहमान ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है.
इसबीच लालू यादव को देखने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने राजद प्रमुख के स्वास्थ्य की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव से दिल्ली ले जाए जाने की बारीकी से जानकारी ली थी. नीतीश कुमार ने डॉक्टरों से भी उनकी स्थिति के बारे में पूछताछ की थी. लालू यादव से मिलने के बाद नीतीश ने कहा कि वो हमारे पुराने मित्र रहे हैं.
जवानी के दिनों से ही हमारा नाता रहा है. उनकी हालत पहले से बेहतर है. दिल्ली में इलाज के लिए जाएंगे तो वहां सभी जांच कराएंगे. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. नीतीश कुमार ने कहा कि सरकारी खर्चे पर लालू यादव का इलाज होगा. यह तो उनका अधिकार है. पहले से ही यह नियम बना हुआ है, इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है.
मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि वह जल्द ठीक होकर वापस लौटें. वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पहले से जानकारी है कि किडनी और हार्ट का पहले से दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि कही कोई दिक्कत ना हो, इसलिए उनको इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया जा रहा है. लोगों की प्रार्थना और दुआ लालू जी के साथ है. सभी को धन्यवाद देते हैं.
लालू जी की सेहत से पहले से सुधार हुई है. उन्होंने कहा कि अगर लालू यादव को सिंगापुर भी ले जाना होगा तो हमलोग ले जाएंगे. तेजस्वी ने कहा कि इस घडी में सभी नेता लालू यादव का हाल-चाल जान रहे हैं. चाहे वो पक्ष के नोता हो या फिर विपक्ष के नेता. सभी लोगों ने फोन कर हाल जाना है.
कल प्रधानमंत्री मोदी का भी फोन आया था और जब से लालू यादव अस्पताल में भर्ती हुए हैं, तब से मुख्यमंत्री नीतीश लगातार हाल जान रहे हैं. राहुल गांधी और सोनिया गांधी सबसे हमारी बात हुई है. बता दें कि लालू यादव पिछले दिनों पटना के आवास में सीढ़ियों से गिर गये थे. इस दौरान उनके कमर और कंधे में चोट आई थी, जिसके बाद उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
तब से वे पारस में लगातार आईसीयू में ही थे. सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हें ऑक्सीजन भी लगाना पड़ा है. कई बार वे बेहोशी की अवस्था में भी चले गए. वे किडनी, हर्ट, ब्लड सूगर आदि कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं. ऐसे मरीज को दर्द की दवाएं देने पर दिक्कत आ जाती है.