पटनाः राजद आज अपना 25वां स्थापना दिवस समारोह पटना स्थित पार्टी कार्यालय में मना रहा है. इसमें कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का ध्यान रखा गया है.
इस कार्यक्रम की शुरुआत राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रामविलास पासवान की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर की है. कार्यक्रम की शुरुआत भोजपुरी निर्गुन गीत के साथ हुई. पार्टी प्रमुख ने सांस्कृतिक सत्र के बाद औपचारिक उद्घाटन किया. उन्होंने करीब साढे़ तीन साल बाद पहली बार कार्यकर्ताओं को वर्चुअल संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि राजद कार्यकर्ता विषम परिस्थितियों में स्थापना दिवस मना रहे हैं. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बहुत जल्द हम बिहार आयेंगे और आप सब के बीच होंगे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ही नहीं बल्कि तेज प्रताप के भाषण में भी बहुत दम है. तेजस्वी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार जैसे प्रदेश में लगातार दौरा करके जिस तरह तेजस्वी ने समर्थन लिया है वो तारीफयोग्य है.
उन्होंने कहा कि हमें तेजस्वी से ऐसी उम्मीद नहीं थी. लालू ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव और हमारी पत्नी नहीं होती तो हम वहीं रांची में ही मर जाते. हमको वहां से तुरंत प्लेन से लाया दिल्ली और एम्स में भर्ती कराया. अब हम ठीक हैं, थोड़ा बीमारी और रह गया है. हम पटना आयेंगे, इसके बाद पूरे बिहार का भ्रमण करेंगे. हम हर जिले में जायेंगे और लोगों से बात करेंगे.
हमारा तेजस्वी तो तेज है हीं लेकिन हमारा बड़ा बेटा तेजप्रताप यादव का भी भाषण सुना उसके भाषण में दम है. बिहार में अपराध पर बोलते हुए उन्होंने कहा राज्य के हर कोने में अपराध है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सही कहा है. बिहार आज बहुत पीछे हो गया है. लाखों लोग बाहर जाकर रोजगार ढूंढते हैं.
जंगलराज पर बोलते हुए लालू ने कहा कि रोटी तवे पर एकतरफा पक रही थी. वो जल रहा था, जिसे हमने जनता के मदद से पलट दिया. इसे वो जंगलराज कहते हैं. इस दौरान उन्होंने चरवाहा विद्यालय का भी जिक्र किया और बताया कि इसका मजाक उड़ाया जाता है. जबकि ये गरीबों के बच्चों के हित के लिए था.
लालू ने कहा कि नारा लग रहा है-अयोध्या के बाद मथुरा. ये समाजिक माहौल खराब करने की साजिश है. उन्होंने राजद के समर्थकों को कहा कि वो समाज में समरसता बनाए रखें. उन्होंने कोरोना के संभावित तीसरे लहर से सावधान रहने को कहा. वहीं कोरोना को संकट बताया. इस दौरान उन्होंने कोरोना के दूसरे लहर में सरकार की तैयारी को लेकर हमला बोला.
लालू ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि अभी की हालत बहुत दयनीय है. पैट्रोल और डीजल के दाम ने घी के दाम को भी पीछे छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम गरीबों पर गलत असर करते हैं. देश काफी पीछे चला गया. उन्होंने कहा कि मैंने 5 प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग भी किया.
उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि राजद का भविष्य उज्जवल है और निकट भविष्य में हम देश को आगे बढ़ाएंगे. लालू ने कहा कि बहुत चुनाव चिन्ह देखा. तब चक्का छाप मिला तो हम सबने नारा लगाया था कि जेकर हाथ में चक्का बा, ओकर जीत पक्का बा. उन्होंने दम दिखाते हुए कहा कि मिट जाएंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं.
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में मैं तड़पकर रह गया, लेकिन मैं बाहर नहीं आ सका. मेरे बेटे तेजस्वी ने उस समय मुझसे भरोसा दिया कि पापा आप घबराइए नहीं, मैं इनसे (एनडीए से) निपट लूंगा. उन्होंने कहा कि बिहार में आज ऐसा आलम है कि एक दिन भी ऐसा नहीं होता जहां चार से पांच मर्डर न हो. बिहार में सरकार झूठ बोलती है. बिहार से लाखों लोगों का पलायन हो रहा है.
कोरोना काल में जब मजदूरों को दिक्कत हुई तो राजद के कार्यकर्ताओं ने, राजद के नेताओं ने उन्हें घर पहुंचाने में मदद की. बिहार में 10 लाख नौकरी देने का एलान किया तो उन्होंने कहा कि ये संभव नहीं है. उन्होंने 19 लाख का एलान किया. जब उन्होंने वादा किया तो उसे पूरा भी करना चाहिए. इस अवसर पर लालू ने कहा कि वरिष्ठ नेता रहे हेगडे जी कहने पर हमने दल का नाम राजद रखा.
हमें समझ में नहीं आ रहा था कि अपने दल का नाम क्या रखें? तब हमने हेगडे जी फोन किया. उनके कहने पर ही हमने अपनी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल रखा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की स्थापना के बाद से हुए चुनाव में लगातार हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा. लालू ने कहा कि हमने बिना परवाह किये लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया.
हमारी सरकार को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन केंद्र की बीपी सिंह की सरकार गिर गई. हमने वंचित समाज को ताकत दी. हमारे समय में पहली दफे वंचित समाज के लोग बूथ तक गये. चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यदव का जमानत पर रिहा होने के बाद कार्यकर्ताओं से पहला सामूहिक संवाद रहा.
वहीं, इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी खूब गरजे. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि, लालू यादव जब मुख्यमंत्री थे तो दरवाजा खुला रहता था, आज नीतीश जी की दीवार और ऊंचा होता जा रहा है. नीतीश कुमार चोर दरवाजे से सत्ता में वापस लौटे. हमलोग ईडी, सीबीआई से लड रहे थे, बावजूद इसके जनता ने हमे जनादेश दिया.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने दबाब में आकर हमें हरवा दिया. आज पूरा देश इस सच्चाई को जानता है. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना में समीक्षा बैठक नहीं करते थे, बल्कि भिक्षा बैठक करते थे. विभागों से टैक्स का हिसाब लिया जाता था. संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं नीतीश कुमार.
नीतीश कुमार हमारे साथ लडे़ तो 70 पार किये थे, आज 2020 में 40 की संख्या में अटक गये. आज भाजपा और जदयू के बीच आग लगी हुई है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए और गठबंधन के बीच वोट का अंतर सिर्फ 12 हजार का रहा. ये वोट सिर्फ माई समीकरण का नहीं था. इससे साबित होता है कि सभी वर्ग ने बढ़-चढ़कर हमलोगों को वोट दिया था.