50 मीटर तक निशाना लगाने वाली रिवॉल्वर 'प्रबल' 18 अगस्त को लॉन्च होगी, जानिए इसकी खासियत
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 15, 2023 14:19 IST2023-08-15T14:18:04+5:302023-08-15T14:19:19+5:30
प्रबल रिवॉल्वर वजन में हल्की है और साइड स्विंग सिलेंडर से सुसज्जित है। रिवॉल्वर 'प्रबल' देश में निर्मित पहली ऐसी रिवाल्वर है जो 50 मीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है। प्रबल की विशेषताएं वेब्ले स्कॉट रिवॉल्वर के समान हैं।

रिवॉल्वर 'प्रबल' 18 अगस्त को लॉन्च की जाएगी
कानपुर: सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL), कानपुर द्वारा निर्मित भारत की पहली लंबी दूरी की रिवॉल्वर 'प्रबल' 18 अगस्त को लॉन्च की जाएगी। यह हल्की .32 बोर रिवॉल्वर 50 मीटर तक अपने लक्ष्य को पूरा कर सकती है। रिवॉल्वर 'प्रबल' देश में निर्मित पहली ऐसी रिवाल्वर है जो 50 मीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है। आम तौर पर रिवाल्वर जैसे छोटे हथिायारों की अधिकतम रेंज 20 से 25 मीटर होती है। यानी कि 'प्रबल' की रेंज निर्मित की जा रही अन्य रिवॉल्वरों की रेंज से दोगुनी से भी अधिक है। प्रबल भारत में निर्मित होने वाली पहली रिवॉल्वर है जिसमें साइड स्विंग सिलेंडर है। कंपनी का दावा है कि इसकी मारक क्षमता देश में बनी रिवॉल्वरों में सबसे अच्छी है। रिवाल्वर की खासियत बताते हुए
रिवाल्वर की खासियत
प्रबल रिवॉल्वर वजन में हल्की है और साइड स्विंग सिलेंडर से सुसज्जित है। रिवॉल्वर के पिछले संस्करण में, कारतूस डालने के लिए बंदूक को मोड़ना पड़ता था। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध सभी रिवॉल्वर की क्षमता केवल 20 मीटर तक है, लेकिन प्रबल की रेंज 50 मीटर तक है। यह केवल 700 है वजन में ग्राम (कारतूस के बिना) और इसकी बैरल की लंबाई 76 मिमी है, जबकि इसकी कुल लंबाई 177.6 मिमी है। इसका ट्रिगर खींचना भी काफी आसान है। यह इसे महिलाओं के लिए एक आसान विकल्प बनाता है जो इसे अपने हैंडबैग में भी आसानी से ले जा सकती हैं और उपयोग कर सकती हैं। प्रबल की विशेषताएं वेब्ले स्कॉट रिवॉल्वर के समान हैं। इसे 18 अगस्त से लाइसेंस वाले नागरिक खरीद सकते हैं।
बता दें कि AWEIL कानपुर के अर्मापुर में रक्षा उत्पाद बनाने वाली एक सरकारी कंपनी है। इसमें पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की आठ फैक्ट्रियां शामिल हैं और यह मुख्य रूप से भारतीय सशस्त्र बलों, विदेशी सेनाओं और घरेलू नागरिक उपयोग के लिए छोटे हथियार और तोपखाने बंदूकें बनाती है। फर्म की स्थापना 2021 में ओएफबी के सात अलग-अलग सार्वजनिक उपक्रमों में पुनर्गठन और निगमीकरण के हिस्से के रूप में की गई थी। कंपनी को इस साल 6,000 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद बनाने का ऑर्डर मिला है। यह भारतीय सेना के लिए 300 'सारंग' तोपें भी बना रही है।