पर्यटकों की भीड़ के साथ जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 की वापसी, बढ़ते मामलों को देख पर्यटकों की भी होगी औचक जांच

By एस पी सिन्हा | Updated: April 4, 2023 15:54 IST2023-04-04T15:52:05+5:302023-04-04T15:54:20+5:30

सबसे ज्यादा डर टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में है जिन्हें डर है कि अगर कोरोना की रफ्तार यू ही रही तो पर्यटन ढलान पर आ जाएगा। लॉकडाउन की पाबंदियों से बचने की खातिर प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

Return of Covid-19 in Jammu and Kashmir with the rush of tourists | पर्यटकों की भीड़ के साथ जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 की वापसी, बढ़ते मामलों को देख पर्यटकों की भी होगी औचक जांच

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsटूरिस्टों की भीड़ के साथ ही कोरोना ने भी जम्मू कश्मीर में वापसी कर ली है।हालत यह है कि 20 में से 13 जिले कोरोना प्रभावित हो चुके हैं।कोरोना का नया स्वरूप सबको डराने लगा है।

जम्मू: टूरिस्टों की भीड़ के साथ ही कोरोना ने भी जम्मू कश्मीर में वापसी कर ली है। हालत यह है कि 20 में से 13 जिले कोरोना प्रभावित हो चुके हैं। कोरोना का नया स्वरूप सबको डराने लगा है। सबसे ज्यादा डर टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में है जिन्हें डर है कि अगर कोरोना की रफ्तार यू ही रही तो पर्यटन ढलान पर आ जाएगा। लॉकडाउन की पाबंदियों से बचने की खातिर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। औचक जांच को बढ़ा दिया गया है। 

प्रशासन का कहना है कि कोरोना टेस्टिंग पर्यटकों की भी की जा सकती है। फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है कि कोरोना जांच के लिए स्थाई शिविर लगाए जाए या नहीं पर अस्पालों में यह तेज कर दी गई है। दो दिनों में कोरोना के 166 नए मरीज प्रदेश में पाए गए हैं। 13 जिलों में ही फिलहाल कोरोना के मामले सामने आए हैं। कश्मीर और जम्मू संभाग में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग बराबर ही है। 

प्रशासन ने लोगों को सतर्क करने के प्रचार की शुरूआत भी कर दी है। लोगों को भीड़भाड़ से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। फिलहाल मास्क अनिवार्य करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है पर इस पर विचार जरूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीर रूप से लेने को कहा है और इससे बचने के लिए मास्क और सेनेटाइजर के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। 

सरकारी प्रवक्ता ने मास्क पहनने सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रवक्ता ने बुजुर्ग व्यक्तियों और बच्चों को भीड़भाड़ वाले और खराब हवादार स्थानों से बचने के लिए भी प्रेरित किया है। इन सबके बीच वे आंकड़े घबराहट पैदा करते थे जिसमें कहा जा रहा है जम्मू कश्मीर की 18 से अधिक आयु वर्ग की अनुमानित 93 लाख (कुल आबादी का 66 प्रतिशत का हिस्सा) आबादी में से 80 प्रतिशत (76 लाख से अधिक) ने एहतियाती खुराक ली ही नहीं है।

दरअसल जम्मू कश्मीर के चिकित्सा केंद्रों पर मौजूदा एहतियाती टीके की खुराक उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से खुराक की मांग की गई है, लेकिन अभी तक यह उपलब्ध नहीं हो पाई है। एक साल से प्रदेश में कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। सार्वजनिक स्थानों से लेकर चिकित्सा केंद्रों तक यही हालत है। सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग, बार-बार हाथ धोने का चलन खत्म हो चुका है।

Web Title: Return of Covid-19 in Jammu and Kashmir with the rush of tourists

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