नई दिल्ली: भारत में बहुत से कारोबारी अब शॉपिंग करने के बाद कैश ऑन डिलीवरी की सेवा बंद करना चाह रहे हैं. प्यूमा और डिपार्टमेंट स्टोर चेन आईकॉनिक ने ऑनलाइन कस्टमर को 5 फीसदी का अतिरिक्त डिस्काउंट देना शुरू कर दिया है, अगर वह पेमेंट का डिजिटल मोड चुनते हैं.
इसके साथ ही लिबर्टी शूज ने उन ग्राहकों से अधिक चार्ज करना शुरू कर दिया है जो अपने घर पर डिलीवरी के वक्त खरीदारी के लिए पेमेंट करना चाहते हैं. वास्तव में इस तरह के कदमों से ऑनलाइन शॉपिंग करने वाली कंपनियां कैश ऑन डिलीवरी ऑप्शन को हतोत्साहित करना चाहती हैं.
इस समय भारत में ऑनलाइन खरीदारी के 65 फीसदी मामलों में कैश ऑन डिलीवरी का ही चलन है. कैश ऑन डिलीवरी की वजह से वास्तव में सामान की डिलीवरी के वक्त बहुत से कैंसिलेशन होते हैं. आईकॉनिक के सीईओ पवन खंडेलवाल ने कहा कि कैश ऑन डिलीवरी कारोबारियों के लिए अच्छा विकल्प साबित नहीं हो रहा है. आईकॉनिक ब्रांड ही टॉमी हिलफिगर और केल्विन क्लेइन के साथ बुगाती जैसे ब्रांड बेचती है.
ई-कॉमर्स कंपनियों के को सहायता करने वाली एएनएस कॉमर्स के संस्थापक विभोर सहारे ने कहा, प्रीपेड ऑर्डर में ग्राहकों के आने की दर 5-15% के बीच है जबकि कैश ऑन डिलीवरी के मामले में यह 10-30 फीसदी तक है. अगर बात पेटीएम मॉल की करें तो इसने एक साल पहले ही कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन खत्म कर दिया है.
प्रीपेड ऑर्डर पर डिस्काउंट देने के साथ ही प्यूमा की ऑनलाइन बिक्र ी 61 से बढ़कर 64 फीसदी हो गई है. प्यूमा इंडिया के एमडी अभिषेक गांगुली ने कहा, ऑनलाइन परचेज में प्रीपेड ऑडर को बढ़ावा देने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें पूरी तरह कॉन्टैक्टलेस कारोबार होता है. उल्लेखनीय है कि भारत के ग्राहकों के बीच कैश ऑन डिलीवरी पसंदीदा ऑप्शन है.