नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी

By भाषा | Updated: March 8, 2021 23:24 IST2021-03-08T23:24:12+5:302021-03-08T23:24:12+5:30

Result of discrimination with loved ones shown as Maoism in Nepal: Yogi | नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी

नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी

लखनऊ, आठ मार्च उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर नहीं चलने के दुष्परिणामों का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि समाज जब भी अपनों के साथ भेदभाव करता है तो नेपाल में माओवाद की तरह उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समावेशी विकास का जिक्र करते हुए उक्त टिप्पणी की।

समावेशन से पड़ने वाले फर्क के संदर्भ में थारू समुदाय का जिक्र करते हुए योगी ने कहा, ‘‘थारू समुदाय आजादी के बाद शासन की सुविधाओं से वंचित था, लेकिन भारत में उसतक केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं पहुंची। इससे वे लोग राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़े और उसमें अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन यही समुदाय नेपाल जाकर माओवादी बन जाता है और वहां की व्यवस्था को तहस-नहस करता हुआ दिखाई देता है।"

मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास सुनिश्चित करने संबंधी अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, "हमने लखीमपुर खीरी में 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना में थारू जनजाति द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी शामिल किया है। मुझे प्रसन्नता है कि उन्हें देश-विदेश में प्रसिद्धि मिली है।"

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "जिस समाज ने मातृशक्ति को इतना सम्मान दिया है, उसमें आधी आबादी के साथ भेदभाव और बर्बरता क्यों हो रही है, यह प्रश्न हम सबके सामने हमेशा मुंह बाए खड़ा रहता है।"

उन्होंने कहा, "इसीलिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे भारतीयों के बारे में यह सवाल खुद ही खड़ा होता है कि क्या महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों की औपचारिकता निभाकर हम समस्याओं का समाधान निकाल पाएंगे?"

मिशन शक्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हमने जब ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम शुरू किया था तब शारदीय नवरात्र थी। यानी नारी शक्ति की प्रतीक जगत जननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम।"

सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘मिशन शक्ति’ के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं के शुभारम्भ/शिलान्यास एवं अलग-अलग क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं के साथ संवाद में कहा कि केंद्र व राज्य सरकार नारी की गरिमा, सम्मान व सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 22 करोड़ 13 लाख 25 हजार रुपये की लागत से निर्मित 13 बालिका छात्रावासों तथा 15 करोड़ 10 लाख 79 हजार रुपये की लागत से निर्मित चार राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज का लोकार्पण किया गया। उन्होंने 11 महिलाओं रंजना द्विवेदी, सीता कुंवर, कु0 स्नेहा त्यागी, कुसुम, मानमती, सुनीता, आरती, प्रियंका राय, रेनू यादव, सोनी तथा संतोष कुमारी को ‘मिशन शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित भी किया।

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने और उनकी सुरक्षा तथा सम्मान के लिए सतत प्रयत्नशील है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये गये हैं।

कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सूचना विभाग द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। फिल्म के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी गयी।

उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ज्ञान सुधा मिश्रा द्वारा 18 पुलिस परिक्षेत्रीय कार्यालयों में महिला साइबर क्राइम सेल तथा 18 परिक्षेत्र के जिलों में थाने के समकक्ष एक-एक महिला पुलिस चौकी-परामर्श केन्द्र का लोकार्पण किया गया।

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