आरएमएल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन पर जताई कुछ शंका, कोविशील्ड लगाने का आग्रह किया

By भाषा | Published: January 16, 2021 04:44 PM2021-01-16T16:44:34+5:302021-01-16T16:44:34+5:30

Resident doctors of RML Hospital expressed some doubts over Kovaxin, urging for Kovishield | आरएमएल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन पर जताई कुछ शंका, कोविशील्ड लगाने का आग्रह किया

आरएमएल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन पर जताई कुछ शंका, कोविशील्ड लगाने का आग्रह किया

नयी दिल्ली, 16 जनवरी राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के ‘रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) ने उन्हें ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोविड-19 का टीका कोविशील्ड लगाये जाने का शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक से अनुरोध किया।

आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों को कोवैक्सीन को लेकर कुछ संदेह है और वे लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे और इस कारण शनिवार से देश में शुरू हुए टीकाकरण अभियान के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकेगी।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हमें पता चला है कि आज अस्पताल द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ पर हमारे अस्पताल में प्राथमिकता दी जा रही है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘रेजीडेंट डॉक्टरों को कोवैक्सीन के मामले में पूर्ण परीक्षण नहीं होने के बारे में कुछ संदेह है और इसलिए वे बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा नहीं ले सकते, जिससे टीकाकरण अभियान का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमें कोविशील्ड लगाइए, जिसने टीकाकरण के लिए पेश किये जाने से पहले सारे (परीक्षण के) चरण पूरे कर लिए हैं।’’

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरूआत की और कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ टीके कोरोना वायरस महामारी पर देश की ‘निर्णायक जीत’ सुनिश्चित करेंगे।

राष्ट्रीय राजधानी के सभी 11 जिलों में 81 स्थानों पर टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें केंद्र सरकार द्वारा संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय तथा ईएसआई के दो अस्पताल भी शामिल हैं।

इसके अलावा, इनमें दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बीएसए अस्पताल, दिल्ली राजकीय कैंसर संस्थान, आईएलबीएस अस्पताल आदि भी टीकाकरण केंद्रों में शामिल हैं।

साथ ही, मैक्स अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, अपोलो अस्पताल, और सर गंगाराम अस्पताल जैसे निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है।

सरकार के अनुसार, देश में लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मियों को टीके पहले लगाए जाएंगे, उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को और फिर संबद्ध रोगों से ग्रसित 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीके लगाए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि आरएमएल अस्पताल में कोविड-19 का पहला टीका एक सुरक्षा गार्ड को लगाया गया है।

स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को लगाये जाने वाले टीके का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

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Web Title: Resident doctors of RML Hospital expressed some doubts over Kovaxin, urging for Kovishield

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