दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार चल रहे सियासी उठापटक के बीच बागी एकनाथ शिंदे गुट को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायलय ने महाराष्ट्र के स्पीकर से शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर रोक लगाने को कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने उद्धव ठाकरे गुट तो भी राहत देते हुए महाराष्ट्र विधान सभा के स्पीकर को आदेश दिया कि जब तक इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक स्पीकर कोई भी निर्णय नहीं लेंगे।
क्या है मामला
दरअसल महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान में शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है। बागी एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट एक दूसरे के समर्थक विधाकों को अयोग्य ठहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। सर्वोच्च न्यायालय में आज इसी मामले की सुनवाई थी। आज कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कल अयोग्यता का मामला विधानसभा में सुना जाएगा।
कपिल सिब्बल की बात पर भारत के चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल को कहा, "मेहता, आप कृपया विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करें कि कोई सुनवाई न करें। कृपया आपके कार्यालय के माध्यम से स्पीकर को सूचित करें। हम मामले की सुनवाई करेंगे।" एसजी तुषार मेहता चीफ जस्टिस के संदेश को स्पीकर तक पहुंचाने के लिए सहमत हुए।
डिप्टी स्पीकर ने जारी किया था नोटिस
शिवसेना में बगावत के बाद डिप्टी स्पीकर ने 16 विधायकों को नोटिस जारी किया था और उनकी योग्यता पर सवाल उठाए थे। ये सभी विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थक थे। इस पूरे मामले में एकनाथ शिंदे गुट ने सर्वोच्च न्यायालय का दरावाजा खटखटाया था। बाद में उद्धव ठाकरे गुट भी सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा।
राज्य विधानमंड ने भी नोटिस जारी किया है
बता दें कि राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच राज्य विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे, दोनो गुटों के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी को एक सप्ताह के भीतर जवाब देना है।