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रिश्तेदारों को कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के शव देखने की अनुमति होगीः ममता बनर्जी

By भाषा | Updated: July 29, 2020 05:24 IST

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि परिजनों को अब शव देखने के लिए इंतजार नहीं करना होगा, शव को देखने के लिये आंधे घंटे का वक्त देंगे.

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ठळक मुद्देबंगाल में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,449 हुईबंगाल सरकार ने कोविड-19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने का निर्देश दिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने फैसला किया है कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के शवों को उनके परिवार के सदस्यों को देखने की अनुमति होगी। बनर्जी ने कहा कि फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है। बनर्जी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के (पॉजिटिव रिपोर्ट वाले) मरीजों और इसके संदिग्ध मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल में कोई अंतर नहीं है।

उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि अगर संदेह है कि मरीज की मौत कोविड-19 के कारण हुई है, तो जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। परिवार के सदस्यों को तब तक इंतजार करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्हें इंतजार नहीं करना होगा। हम उन्हें शव को देखने के लिये आंधे घंटे का वक्त देंगे, लेकिन यह कवर के अंदर होगा। अंतिम संस्कार आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक होगा।

कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,449 हुई

श्चिम बंगाल में कोविड-19 से 38 और मरीजों की मौत होने से मंगलवार को मृतक संख्या बढ़कर 1,449 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि कोविड-19 के 2,134 नये मामले सामने आने से इसके कुल मामले बढ़कर 62,964 हो गए। राज्य में अभी 19,493 मरीजों का इलाज चल रहा हैं जबकि पिछले 24 घंटे में 2,105 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई। सूत्रों ने बताया कि राज्य में ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या अब 42,022 है। उन्होंने बताया कि सोमवार से राज्य में 17,021 नमूनों की जांच की गई है।

गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने का निर्देश दिया

पश्चिम बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए तब भी भर्ती करें यदि वे कोविड-19 से संक्रमित पायी जाती हैं। आयोग ने यह निर्देश यह शिकायतें प्राप्त होने के बाद दिया है कि गर्भवती महिलाओं को वे निजी अस्पताल भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं जहां उन्होंने गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण कराया था।

आयोग की ओर से सोमवार को जारी परामर्श में कहा गया है, ‘‘सीज़ेरियन/ सामान्य प्रसव जैसे प्रसूति मामलों को देखने वाले यूनि-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल गर्भधारण करने के बाद पहली बार आने वाले अपने मरीजों को एक मुद्रित सूचना मुहैया कराएंगे और उस पर मरीज या मरीज पक्ष से हस्ताक्षर प्राप्त करेंगे जिसमें यह उल्लेखित होगा कि यदि मरीज कोविड-19 संक्रमित पायी जाती है तो इकाई उसे भर्ती नहीं करेगी, भले ही उसमें कोई लक्षण नहीं हो। ऐसी इकाइयां अपने यहां पंजीकृत महिला रोग विशेषज्ञों से एक पूर्व प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगी कि उनकी इकाई मरीज को तब कोई इलाज मुहैया नहीं कराएगी यदि वह कोविड-19 से संक्रमित पायी जाती है।’

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