लाल किला विस्फोट: अल फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित, भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने लिया एक्शन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 13, 2025 21:18 IST2025-11-13T20:51:31+5:302025-11-13T21:18:30+5:30
लाल किला विस्फोट: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद ये निर्णय लिए गए।

लाल किला विस्फोट
नई दिल्लीः लाल किला विस्फोट में बड़ा एक्शन हुआ है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने अल फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित की है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला के नजदीक हुए कार धमाके के बाद जांच के घेरे में आए अल फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित कर दी गई है।
एआईयू सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत एक सोसाइटी है और इसके सदस्य भारतीय विश्वविद्यालय हैं। यह सदस्य विश्वविद्यालयों के प्रशासकों और शिक्षाविदों को विचारों के आदान-प्रदान और साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
एआईयू की महासचिव पंकज मित्तल ने कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के उपनियमों के अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों को तब तक सदस्य माना जाएगा, जब तक वे मानकों का अनुकरण करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, संज्ञान में आया है कि अल फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा ने मानकों के अनुकूल कार्य नहीं किया है।
तदनुसार, अल फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा को दी गई एआईयू की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है।’’ मित्तल ने बताया कि अल फलाह विश्वविद्यालय को अपनी किसी भी गतिविधि में एआईयू के नाम या लोगो का उपयोग करने का अधिकार नहीं है, और एआईयू के लोगो को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट से हटा दिया जाना चाहिए।
फरीदाबाद के धौज गांव में स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद जांच एजेंसियों के घेरे में आ गया है क्योंकि संस्थान से जुड़े तीन चिकित्सकों को मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह एक निजी संस्थान है जिसके परिसर में एक अस्पताल भी है।
सरकार ने दिल्ली विस्फोट के बाद चर्चा में आए अल फलाह विश्वविद्यालय के सभी रिकॉर्ड का फॉरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों से हरियाणा स्थित इस संस्थान में धन के लेन-देन की जांच करने को भी कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिए गए।
बैठक में लालकिले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जारी जांच की प्रगति की डेढ़ घंटे तक समीक्षा की गई। सूत्रों ने कहा, ‘‘अल फलाह विश्वविद्यालय के सभी रिकॉर्ड का फॉरेंसिक ऑडिट करने का आदेश जारी किया गया है। सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और अन्य वित्तीय एजेंसियों को भी अल फलाह विश्वविद्यालय के धन के लेन-देन की जांच करने को कहा है।’’
हरियाणा में फरीदाबाद जिले के धौज स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय एक निजी संस्थान है, जिसके परिसर में एक अस्पताल भी है। अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा नंबर वाली जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे डॉक्टर उमर नबी चला रहा था। वह राष्ट्रीय राजधानी के पास फरीदाबाद स्थित विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था।
जांच एजेंसियों ने विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों को हिरासत में लिया है। अल फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, संस्थान की स्थापना हरियाणा विधानसभा द्वारा हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई थी। अल फलाह मेडिकल कॉलेज भी विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
विश्वविद्यालय ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि वह संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें। सोमवार को दिल्ली में लालकिले के पास एक कार में हुए भीषण विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना एक ‘‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’’ के भंडाफोड़ और तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद हुई। गिरफ्तार किए गए डॉक्टर अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।