CM नीतीश कुमार ने अपने सबसे करीबी आरसीपी सिंह को दी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी, कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया फैसला
By एस पी सिन्हा | Updated: December 27, 2020 16:21 IST2020-12-27T16:14:40+5:302020-12-27T16:21:02+5:30
आरसीपी सिंह के जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही उनके समर्थकों में खासा उत्साह दिख रहा है पार्टी के दफ्तर के बाहर लगातार लोग उनके पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं

आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता रहा है
पटना: अरुणाचल प्रदेश में हुई टूट के बाद जदयू ने बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संगठन महासचिव रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह(आरसीपी सिंह) को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया गया है। आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और वर्तमान में राज्यसभा संसदीय दल के नेता भी हैं। नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष अब यह पद छोड़ देंगे।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरसीपी सिंह की पहली मुलाकात सन 1996 हुई थी और तब से दोनों नेता के बीच संबंध जारी है। आरसीपी सिंह जदयू में संगठन के नेता मानें जाते हैं। वे पार्टी संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं। वे उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर रह चुके हैं। बिहार चुनाव में राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह को टिकट बंटवारे से जुडे मामले और बूथ मैनेजमेंट जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। आरसीपी सिंह के पास बतौर नौकरशाह लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है और उन्हें जदयू का जमीनी नेता माना जाता है। जदयू से राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार के बाद नंबर दो की हैसियत रखते हैं। चुनावों में रणनीति तय करना, प्रदेश की अफसरशाही को नियंत्रित करना, सरकार की नीतियां बनाना और उनको लागू करने जैसे सभी कामों का जिम्मा उनके कंधों पर है। इसीलिए उन्हें ‘जदयू का चाणक्य’ भी कहा जाता है।
वहीं इस बैठक में यह भी तय किया गया कि, आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाने का औपचारिक प्रस्ताव लाया जायेगा और उसे मंजूर कराने की औपचारिकता निभायी जायेगी। नीतीश कुमार आरसीपी सिंह की दोस्ती के बारे में बात करें तो, नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच दोस्ती इसलिए भी गहरी हुई क्योंकि दोनों ही बिहार के नालंदा से हैं और एक ही जाति आते हैं। कहा ये भी जाता है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के नौकरशाह के तौर पर उनकी भूमिका से काफी प्रभावित थे। बाद में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपने साथ ले आए। जब नीतीश कुमार रेलमंत्री बने थे तो सिंह को विशेष सचिव बनाया। नवंबर 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को साथ लेकर बिहार भी आए और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद आरसीपी की जदयू में पकड मजबूत होने लगी। 2010 में आरसीपी सिंह ने वीआरएस लिया, फिर जदयू ने उन्हें राज्यसभा के नामित किया। 2016 में पार्टी ने उन्हें फिर से राज्यसभा भेजा।