किसान आंदोलन से अलग हुए दो बड़े संगठन, वीएम सिंह ने राकेश टिकैत पर लगाए बड़े आरोप, जानें पूरा मामला
By विनीत कुमार | Updated: January 27, 2021 18:33 IST2021-01-27T17:18:16+5:302021-01-27T18:33:03+5:30
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए व्यापक हिंसा के बीच किसान आंदोलन को भी झटका लगा है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने इस आंदोलन से खुद को अलग करने का फैसला किया है।

किसान आंदोलन से अलग हुआ वीएम सिंह का संगठन
कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो महीनों से जारी किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में 26 जनवरी को हुए हिंसा के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने आंदोलन से अलग होने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि उनके दल का आंदोलन अब यहां से खत्म हो रहा है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी किसान आंदोलन से अलग होने का फैसला किया है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर कहा, 'दिल्ली में कल जो हुआ उससे आहत हूं। इसलिए हमारा 58 दिनों से चला आ रहा धरना खत्म हो रहा है।
I am deeply pained by whatever happened in Delhi yesterday and ending our 58-day protest: Thakur Bhanu Pratap Singh, president of Bharatiya Kisan Union (Bhanu) at Chilla border pic.twitter.com/5WNdxM9Iqo
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2021
वहीं, वीएम सिंह ने कहा, 'ये राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का फैसला है न कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमिटी का। ये वीएम सिंह, राष्ट्रीय किसान मजदूर और हमारे लोगों का फैसला है।'
This is the decision of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & not of AIKSCC (All India Kisan Sangharsh Coordination Committee). This is the decision of VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & all office bearers: VM Singh, National Convener of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan pic.twitter.com/dTtW45ZMXL
— ANI (@ANI) January 27, 2021
उन्होंने साथ ही कहा, 'मैं प्रदर्शन को उन लोगों के साथ आगे नहीं ले जा सकता जिनकी दिशा ही अलग हो। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन खुद को इससे अलग करता है।'
राकेश टिकैत पर वीएम सिंह ने लगाए आरोप
वीएम सिंह ने साथ भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर भी आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप में आंदोलन नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा, 'हम यहां पर लोगों शहीद कराने या पिटवाने नहीं आए हैं। राकेश टिकैत मीटिंग में गए लेकिन उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई? उन्होंने धान की बात की क्या? हम केवल समर्थन देते रहें और कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है।'
बता दें कि किसानों की मांगों के मद्देनजर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए थे। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां 15 अगस्त को भारत का तिरंगा फहराया जाता है।
ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली का आईटीओ एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए।
(भाषा इनपुट)