शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के बयान का वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने समर्थन करते हुए राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को गोवा और अंडमान जेल जाना चाहिए तब जाकर वीर सावरकर के बिलदान का एहसास होगा। दरअसल, संजय राउत ने वीर सावरकर की आलोचना करने वालों पर कहा कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं उन्हें अंडमान सेलुलर जेल में सिर्फ दो दिन के लिए भेज दो।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रंजीत सावरकर ने कहा कि मैं संजय राउत के बयान का स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि शिवसेना अब कांग्रेस नेताओं को सावरकर का विरोध नहीं करने के लिए मनाएगी। इससे पहले शिवसेना नेता व सामना के संपादक संजय राउत ने वीर सावरकर की आलोचना करने वालों पर जोरदार हमला किया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं, वे किसी भी विचारधारा या पार्टी से हैं, उन्हें अंडमान सेलुलर जेल में सेल में सिर्फ दो दिन के लिए भेज दो, जहां सावरकर को बंधक बनाया गया था। तब उनके बलिदान और उनके योगदान का एहसास इनलोगों को होगा।
बता दें कि संजय राउत का यह बयान इंदिरा गांधी पर दिए गए बयान के बाद आया है। दरअसल, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इंदिरा गांधी पर दिए गए बयान के बाद कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर बेवजह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। हमें पांच साल सरकार चलानी है और सभी नेता बुद्धिमान हैं, जिन्हें सलाह देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के नेताओं में असंतोष की खबरों को खारिज किया। नासिक दौरे पर आए शरद पवार ने कहा, ''हम सभी का मानना है कि उन्हें इंदिरा गांधी के बारे में बयान नहीं देना चाहिए था। लेकिन, उन्होंने बयान वापस ले लिया है, इसलिए मैं (दोबारा) मुद्दे को नहीं उठाना चाहता।''
सत्तारूढ़ गठबंधन में असंतोष के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ''आघाड़ी के नेताओं को कोई सलाह देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे सभी परिपक्व हैं और जानते हैं कि उन्हें सरकार चलानी है। वे देख चुके हैं कि जब कोई सरकार में नहीं होता है, तो क्या होता है। वास्तव में हम सभी कांग्रेसी हैं।।। और कांग्रेस के लोग व्यावहारिक सोच रखते हैं।'' इस संदर्भ में पवार ने उस खबर की चर्चा की, जिसमें दावा किया गया था कि कभी उन्होंने चुनाव प्रचार रैली में गैंगस्टर हाजी मस्तान के साथ मंच साझा किया था। उन्होंने कहा, ''मैं 1972 में पार्टी के लिए प्रचार करने मोहम्मद अली रोड गया था। एक रैली हुई थी।
अगले दिन मैंने अखबारों में पढ़ा कि शरद पवार और हाजी मस्तान रैली में एक-दूसरे के साथ बैठे। मैं यह भी नहीं जानता था कि हाजी मस्तान कौन है। लेकिन, समाचार प्रकाशित हुआ।'' उन्होंने कहा, ''सार्वजनिक जीवन में काम करनेवालों से कई लोग मिलते हैं। उन सभी के बारे में हमें पता नहीं होता।'' उन्होंने महाराष्ट्र में बदलते राजनीतिक हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा, ''अगर मनसे और भाजपा को लगता है कि उन्हें गठबंधन करना चाहिए, तो वे जरूर करें।''
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाला बदलकर भाजपा में चले गए राकांपा नेताओं को फिर से राकांपा में लौटना है, तो उस पर चर्चा करके फैसला किया जाएगा।'' बॉक्स राऊत के बयान पर बवाल शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को कहा था कि इंदिरा गांधी अपने मुंबई दौरों के दौरान करीम लाला से मिलती थीं। सत्तारूढ़ आघाड़ी के घटक दल कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया के बाद राउत ने बयान वापस ले लिया था।