रणदीप सुरजेवाला ने जेटली पर लगाया माल्या को भागने में मदद करने का आरोप, कहा- पीएम मोदी करें कैबिनेट से बर्खास्त
By भाषा | Published: September 18, 2018 05:22 PM2018-09-18T17:22:57+5:302018-09-18T17:22:57+5:30
कांग्रेस नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं ? वह वक्तव्य दें और वित्त मंत्री को बर्खास्त करें। वित्त मंत्री को कोई कानूनी और नैतिक अधिकार नहीं बचा है कि वह पद पर बने रहें।"
नई दिल्ली, 18 सितंबर:कांग्रेस ने भगोड़े विजय माल्या के मामले में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल किया और कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को बर्खास्त किया जाए तथा मामले की व्यापक एवं उच्चस्तरीय जांच शुरू की जाए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय, जेटली, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों, सीबीआई के कुछ शीर्ष अधिकारियों और संबंधित बैंकों के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'ऐसा लगता है कि भाजपा भगोड़े के लिए 'फोन ए फ्रेंड हेल्पलाइन' बन गयी है। माल्या मामले में कुछ यही हुआ था। इसमें सरकार के उच्चतम स्तर पर मिलीभगत, साझेदारी और सहयोग था।'
उन्होंने कहा, 'माल्या के खिलाफ 29 जुलाई, 2015 को वित्तीय अनियमितता के लिए प्राथमिकी की गई। 16 अक्टूबर, 2015 को हिरासत में लेने वाला लुकआउट नोटिस जारी हुआ। इसके बाद सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा और एसपी हर्षिता लुत्तालोरी आव्रजन प्रशासन को लिखकर यह कहते हैं कि वे माल्या के खिलाफ इस लुकआउट नोटिस वापस लेते हैं।'
उन्होंने , "प्रधानमंत्री कार्यालय या कार्यालय में कौन व्यक्ति कह रहा था कि माल्या को भागने दिया जाए।सीबीआई की तरफ से जो स्पष्टीकरण दिया गया है वो हास्यास्पद है।' उन्होंने सवाल किया, 'सीबीआई ने लुकआउट नोटिस के संदर्भ अपना बयान बार-बार क्यों बदला?
बैंकों को किसने कहा कि माल्या के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए? कौन है वित्त मंत्रालय में है जो देश के पैसों की रक्षा की बजाय भगोड़े की रक्षा में खड़ा था?" सुरजेवाला ने कहा, 'एक मार्च,2016 को जेटली से माल्या संसद में मिलता है और उनसे कहता है कि वह विदेश भाग रहा है। जेटली जी चुप्पी साध लेते हैं । उसे क्यों भागने दिया?"
कांग्रेस नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं ? वह वक्तव्य दें और वित्त मंत्री को बर्खास्त करें। वित्त मंत्री को कोई कानूनी और नैतिक अधिकार नहीं बचा है कि वह पद पर बने रहें।" उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री कार्यालय , वित्त मंत्री, वित्त मंत्रालय के अधिकारी, सीबीआई के तत्कलीन निदेशक अनिल सिन्हा, के शर्मा एवं हर्षिता , बैंकों खासकर स्टेट बैंक के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका जांच होनी चाहिए।
व्यापक और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।' दरअसल, माल्या के हालिया दावे के बाद से कांग्रेस इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर लगातार निशाना साध रही है।
माल्या ने गत बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी।
उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था।
जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।