नई दिल्लीः केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। गोयल के पास अभी रेल मंत्रालय है।
राष्ट्रपति भवन ने एक बयान जारी कर कहा कि रामविलास पासवान के निधन के बाद उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार रेलमंत्री पीयूष गोयल को दिया गया। पासवान का कल लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था।
रेल मंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। यह मंत्रालय लोजपा नेता रामविलास पासवान के पास था जिनका बृहस्पतिवार को निधन हो गया। राष्ट्रपति भवन से जारी एक वक्तव्य में शुक्रवार को बताया गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परामर्श पर गोयल को मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
देश के प्रमुख दलित नेता और आठ बार के सांसद पासवान का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक पासवान भाजपा नीत राजग और कांग्रेस नीत संप्रग दोनों की ही सरकारों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभाते रहे। पासवान का अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में किया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की ओर से विधि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल होंगे।
राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित नेता, उत्कृष्ट सांसद और सक्षम प्रशासक खो दिया
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जाने से राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित नेता, उत्कृष्ट सांसद और सक्षम प्रशासक खो दिया है। पासवान ने बृहस्पतिवार शाम अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को उनके सरकारी आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनका पार्थिक शरी पटना ल जाया जाएगा जहां शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। देश के प्रमुख दलित नेताओं में शुमार पासवान 74 वर्ष के थे।
लोजपा के संस्थापक और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान कई सप्ताह से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थे। हाल ही में उनके हृदय की सर्जरी हुई थी। समाजवादी आंदोलन के स्तंभों में से एक पासवान बाद के दिनों में बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे और जल्दी ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष जगह बना ली। 1990 के दशक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही।