नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में बीते गुरुवार को चर्चा के दौरान बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अब इस विवाद पर खामोशी अख्तियार कर ली है। सांसद बिधूड़ी ने अल्पसंख्यक सांसद पर संसद में की गई सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर कहा कि वो इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला इस विषय को देख रहे हैं।
अपने विवादित बयान से सत्ता की सियासत के लिए तुफान खड़ा करने वाले रमेश बिधूड़ी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "मेरा इस विषय में बोलना उचित नहीं है, क्योंकि यह एक विवादित मामला है और इस पर स्वयं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला जी विचार कर रहे हैं।"
वहीं बिधूड़ी द्वारा कहे अपमानजनक टिप्पणी पर बसपा सांसद दानिश अली ने कहा था कि गुरुवार को जिस दिन सदन में उनके साथ भाजपा सांसद द्वारा दुर्वव्यवहार किया हया, उस रात वो सो नहीं सके। अगर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा रमेश बिधूड़ी पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया तो वह लोकसभा से अपनी सदस्यता त्याग सकते हैं।
इस मुद्दे में उस वक्त एक दिलचस्प मोड़ आ गया, जब सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से दानिश अली पर पलटवार हुआ और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि बसपा सांसद आदतन अपराधी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अक्सर विवादित टिप्पणी करते रहते हैं।
भाजपा निशिकांत दुबे ने इस संबंध में रमेश बिधूड़ी के बयान की आलोचना करते हुए स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा और मांग की कि सदन में दानिश अली के भी "अप्रिय" आचरण की जांच की जाए।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, "तथ्य यह है कि रमेश बिधूड़ी के पूरे भाषण के दौरान दानिश अली ने 'रनिंग कमेंट्री' की और बिधूड़ी के सामने बाधा उत्पन्न करते रहे। उन्हें रमेश बिधूड़ी के 'धैर्यकी सीमा' को पार करने के लिए उकसाया और पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां कीं।''
भाजपा सांसद दुबे ने स्पीकर लिखे पत्र में आरोप लगाया कि जब रमेश बिधूड़ी सदन में बोल रहे थे, तो मैं वहां मौजूद था। बसपा सांसद दानिश अली उन्हें जानबूझ कर उकसाने में लगे थे और उन्होंने अपनी ऊंची आवाज में पीएम मोदी के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी की।