चेन्नईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में श्री रामकृष्ण मठ की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। इस मौके पर राज्य के राज्यपाल आरएन रवि मौजूद रहे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामकृष्ण मठ का मैं बहुत सम्मान करता हूं। इस मठ ने मेरे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रामकृष्ण मठ चेन्नई में 125वीं वर्षगांठ मना रहा है। ये मुझे खुशी का एक और कारण देता है। मैं तमिल भाषा, संस्कृति और चेन्नई के माहौल से प्यार करता हूं। आज मुझे विवेकानंद हाउस जाने का मौका मिला। कन्याकुमारी में प्रसिद्ध शिला पर ध्यान करते हुए, स्वामी जी ने अपने जीवन के उद्देश्य की खोज की। मैं प्रेरित और ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं।
मैं यह देख कर खुश हूं कि प्राचीन विचार नई पीढ़ी तक पहुंच रहे हैं। देश भर के लोगों के पास हजारों वर्षों से एक राष्ट्र के रूप में भारत की स्पष्ट अवधारणा थी। यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना है। यह वही भावना है जिसके साथ रामकृष्ण मठ काम करता है।
इस जगह पर विवेकानंद 1897 में कुछ दिन ठहरे थे। यहां श्री रामकृष्ण मठ की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि उनके मन में रामकृष्ण मठ के प्रति गहरा सम्मान है और इसने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे उस विवेकानंद हाउस में जाने का अवसर मिला जहां स्वामी विवेकानंद पश्चिम की अपनी प्रसिद्ध यात्रा से लौटने के बाद रुके थे। यहां ध्यान करना एक विशेष अनुभव था जिससे मैं प्रेरित और ऊर्जावान महसूस करता हूं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि प्राचीन विचार-दर्शन आधुनिक तकनीक के माध्यम से युवा पीढ़ी तक पहुंच रहे हैं।’’
रामकृष्ण मिशन के संन्यासियों की मौजूदगी के बीच प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। शहर में ‘‘विवेकानंदर इल्लम’’ (विवेकानंद हाउस) एक ऐतिहासिक स्थान है जहां विवेकानंद 1897 में नौ दिन के लिए रुके थे। स्मृति चिह्न के रूप में प्रधानमंत्री को विवेकानंद की प्रतिमा भेंट की गई। राज्यपाल आर एन रवि, तमिलनाडु के उद्योग मंत्री थंगम थेनारासु, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन भी इस दौरान मौजूद थे।