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रामविलास पासवान की जगह हाजीपुर लोकसभा सीट से उनकी पत्नी लड़ेंगी चुनाव!   

By एस पी सिन्हा | Updated: November 18, 2018 20:56 IST

सूत्रों के अनुसार, हमेशा घर-परिवार संभालने वाली और व्यवहार कुशल रीना पासवान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के जगह पर चुनावी विरासत को संभालने जा रही हैं और 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में बिहार के हाजीपुर सीट से रीना शर्मा उर्फ रीना पासवान उम्मीदवार होंगी। 

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लोजपा प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जगह हाजीपुर लोकसभा सीट से क्या उनकी पत्नी रीना पासवान चुनाव लड़ेंगी? इस बात को लेकर बिहार के सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है। कारण कि इसबार रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगें और वह राज्यसभा जदयू के कोटे से जाएंगे। उनकी जगह उनकी पत्नी रीना पासवान हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगी। 

सूत्रों के अनुसार, हमेशा घर-परिवार संभालने वाली और व्यवहार कुशल रीना पासवान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के जगह पर चुनावी विरासत को संभालने जा रही हैं और 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में बिहार के हाजीपुर सीट से रीना शर्मा उर्फ रीना पासवान उम्मीदवार होंगी। 

रामविलास पासवान की शादी रीना शर्मा से 1983 में हुई थी। उस समय रीना एयर हॉस्टेस थीं। कहा जाता है कि हवाई यात्रा के दौरान ही रामविलास पासवान की रीना शर्मा से दोस्ती हुई थी। यह दोस्ती रिश्तेदारी में बदल गई। जमुई के लोजपा सांसद चिराग पासवान इन्हीं दोनों के बेटे हैं। 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी हैं। उनसे रामविलास ने 1981 में तलाक ले लिया था। जबकि शादी 1960 में हुई थी। पहली पत्नी से पासवान को दो बेटियां हैं। चुनावी मामला तब शुरू हुआ, जब यह बात सामने आ गई कि रामविलास पासवान अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह अब काफी बीमार चल रहे हैं। 

चुनाव नहीं लड़ने के पीछे बीमारी मुख्य वजह है। ऐसे में सवाल उठने लगा कि हाजीपुर से कौन लडेगा? चिराग पासवान जमुई छोडने को तैयार नहीं हैं। फिर पशुपति कुमार पारस का नाम आया। लेकिन वह भी लोकसभा चुनाव लडने को तैयार नहीं हुए। पारस अभी नीतीश सरकार में पशुपालन मंत्री हैं।

यहां बता दें कि रामविलास पासवान हमेशा हाजीपुर से चुनाव लड़ते रहे हैं और वह चाहते हैं कि हाजीपुर सीट पर परिवार का ही कोई व्यक्ति खड़ा हो। ऐसे में अब यह तय हो गया है कि रीना पासवान ही हाजीपुर क्षेत्र से पासवान की राजनीतिक विरासत सम्भालेगीं। वहीं, लोजपा से जुड़े लोगों का कहना है कि भले रीना ने कभी राजनीति में रूचि नहीं दिखाई। लेकिन पासवान के पुरे परिवार से लेकर उनकी पार्टी से जुड़े लोगों का पूरा ध्यान रखती थीं। 

पार्टी काएक कार्यकर्त्ता उनके व्यवहार का मुरीद है। वह रामविलास पासवान से भी ज्यादा व्यवहार कुशल हैं। वैसे, लोजपा को एनडीए में कितनी सीटें मिलेगीं, अभी तक यह तय नहीं है। लेकिन अगर उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए से बाहर गए तो उन्हें कम से कम 6 सीटें जरुर मिलेंगी। अगर वह एनडीए के साथ रहे तो सीटों की संख्या 4 हो सकती है।

टॅग्स :रामविलास पासवानबिहार
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