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अयोध्या में राम मंदिर के 200 फीट नीचे जमीन में रखा जाएगा 'टाइम कैप्सूल', जानिए क्या है ये और इसका महत्व

By विनीत कुमार | Updated: July 28, 2020 08:49 IST

अयोध्या मेंं राम मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त को होना है। खबरों के अनुसार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर के नींव में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसमें अयोध्या और राम मंदिर से जुड़ी जानकारियां दर्ज होंगी।

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ठळक मुद्देअयोध्या में राम मंदिर के नीचे जमीन में रखा जाएगा एक टाइम कैप्सूलटाइम कैप्सूल में अयोध्या और राम मंदिर से जुड़ी जानकारियां रखी जाएंगी, हजारों साल तक रिकॉर्ड रहेगा सुरक्षित

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां अब तेज हो चली हैं। अगले महीने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे। इस बीच ये भी खबर है कि राम मंदिर की नींव में जमीन के अंदर 200 फीट नीचे एक 'काल-पत्र' (टाइम कैप्सूल) रखा जाएगा। 

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य के अनुसार ऐसा करने का लक्ष्य ये है कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भगवान राम के जन्मस्थान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सुरक्षित रखने की हैं। साथ ही ये भी मकसद होगा कि भविष्य में कोई और जगह को लेकर इस तरह के कानूनी झगड़े में नहीं पड़े।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट के एक सदस्य कामेश्वर चौपाई ने बताया कि मीटिंग के दौरान ये फैसला लिया गया कि कैप्सूल में अयोध्या, राम मंदिर और उनके जन्मस्थान को लेकर जानकारियां रखी जाएंगी ताकि ये हजारों साल तक सुरक्षित रहें। 

चौपाई के अनुसार ये जानकारियां तांबे के प्लेट पर लिखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि जब मंदिर के नींव के लिए खुदाई होगी, तब इस टाइम कैप्सूल को 200 फीट नीचे जमीन पर रखा जाएगा।

टाइम कैप्सूल क्या होता है

दुनिया में टाइम कैप्सूल का अतीत सैकड़ों साल पुराना माना जाता है। भारत में ही नहीं विदेशों में भी इसका प्रचलन रहा है। स्पेन में साल 2017 में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल मिला था। ये ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। इसके अंदर एक दस्तावेज था, जिसमें साल 1777 के करीब की आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सहित कुछ और सूचनाएं दर्ज थीं।

टाइम कैप्सूल एक खास तरह का कंटेनर होता है। इसे कुछ इस तरह बनाया जाता है कि वो हजारों साल तक जमीन में रहने के बावजूद खराब नहीं हो। इस कंटेनर में जानकारियां दर्ज करके रख दी जाती हैं। ऐसा कहते हैं कि लाल किले के नीचे भी 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने टाइम कैप्सूल रखवाया था। इसे लेकर तब राजनीतिक हलकों में खूब हंगामा हुआ था।

बाद में 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार आई तो इसे निकाला गया। हालांकि, ये जानकारी नहीं मिल सकी कि उसमें क्या दर्ज था और अब वो कहां है। इस टाइम कैप्सूल को लेकर 2012 में भी हंगामा मचा था जब मधु किश्वर ने इस बारे में जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी थी। हालांकि तब पीएमओ की ओर से ये बताया गया कि उसके पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

टॅग्स :अयोध्याराम जन्मभूमिराम मंदिर
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