राज्यसभा के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी नये सदस्य का स्वागत करने की जगह उसके खिलाफ ‘शेम-शेम’ और डील-डील के नारे लगे हों. यह घटना गुरुवार को उस समय घटी जब सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सदन में आकर शपथ ग्रहण की. उनके खड़े होते ही कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष शेम-शेम के नारे लगाने लगा. विपक्ष का आरोप है कि गोगोई की नियुक्ति ने न्यायपालिका की अस्मिता को कलंकित किया है.
हंगामे के बीच गोगोई ने शपथ तो ली लेकिन समाजवादी पार्टी को छोड़कर लगभग समूचा विपक्ष उनके शपथ के विरोध में सदन से उठकर चला गया.
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के आचरण पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों के मर्यादा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने यह भी दलील दी कि सभी सदस्य संवैधानिक प्रावधानों को जानते हैं और उदाहरणों को भी. राष्ट्रपति के क्या अधिकार है यह आपको अच्छी तरह पता है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गोगोई के पक्ष में खड़े होकर इस आचरण को अनुचित करार दिया.
सदन के बाहर आनंद शर्मा और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गोगोई द्वारा अवकाश ग्रहण करने से ठीक पहले लिये गये फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यसभा में उनके आने से उनके फैसलों पर अविश्वसनीयता पैदा हुई है जो भारतीय न्यायपालिका की गरिमा पर एक काला धब्बा है.
उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष आज गोगोई का विरोध करने के लिए प्लेकार्ड लेकरआया था लेकिन विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उन सभी सदस्यों को रोका और आग्रह किया कि वे तख्तियां ना दिखाये. भले ही गोगोई ने शपथ ले ली हो लेकिन विपक्ष अब इस बात की तैयारी कर रहा है जिस तरह लोकसभा में जॉर्ज फर्नाडीस का विरोध किया गया था गोगोई का विरोध भी उसी तरह राज्यसभा में होगा.