राजनाथ सिंह ने कहा-जैव आतंकवाद ‘संक्रामक रोग’ है
By भाषा | Published: September 13, 2019 01:26 AM2019-09-13T01:26:23+5:302019-09-13T01:26:23+5:30
शंघाई सहयोग संगठन के पहले सैन्य चिकित्सा सम्मेलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय समूह एशिया- प्रशांत में बढ़ते प्रभाव के कारण ‘‘पूर्व का गठबंधन’’ है। उन्होंने कहा कि एससीओ, क्षेत्र में सुरक्षा का प्राथमिक स्तम्भ है। सिंह ने जैव आतंकवाद को ‘‘संक्रामक रोग’’ बताया और इस खतरे से निपटने के लिए ताकत बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा समय में वास्तविक खतरा जैव आतंकवाद है। उन्होंने एससीओ देशों के सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) से आग्रह किया कि युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के लिए उत्पन्न होने वाली नई चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के रास्ते तलाशें।
शंघाई सहयोग संगठन के पहले सैन्य चिकित्सा सम्मेलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय समूह एशिया- प्रशांत में बढ़ते प्रभाव के कारण ‘‘पूर्व का गठबंधन’’ है। उन्होंने कहा कि एससीओ, क्षेत्र में सुरक्षा का प्राथमिक स्तम्भ है। सिंह ने जैव आतंकवाद को ‘‘संक्रामक रोग’’ बताया और इस खतरे से निपटने के लिए ताकत बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।
सिंह ने कहा, ‘‘इस खतरे से निपटने के लिए सशस्त्र बलों और इसकी चिकित्सा सेवाओं को आगे रहना होगा।’’ सिंह ने कहा कि युद्ध की नयी और गैर परंपरागत चुनौतियों ने वर्तमान चुनौतियों की जटिलता को बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनौतियों का पता लगाने, मानवीय सहिष्णुता को परिभाषित करने में सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और इस तरह के वातावरण का स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत असर को कम करने की रणनीति सुझा सकती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु, रसायन और जैविक युद्ध का खतरा स्थिति को और विकराल बनाएगा। सशस्त्र बलों के चिकित्साकर्मी इन खतरनाक चुनौतियों से निपटने के लिए संभवत: अद्भुत तरीके से सक्षम हैं।’’ एससीओ के सदस्य चीन, भारत, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं।
सम्मेलन में 27 अंतरराष्ट्रीय और 40 भारतीय प्रतिनिभाषा नीरज नीरज पवनेश पवनेश