रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्य सभा में भारत-चीन तनाव पर कहा कि भारतीय सेना सीमा पर तमाम घटनाओं के बावजूद संयम का परिचय दिया तो वहीं जरूरत पड़ने पर उन्होंने अपना शौर्य भी दिखाया। राजनाथ सिंह ने साथ ही कहा कि देश का मस्तक किसी भी कीमत पर झुकने नहीं दिया जाएगा और न ही भारत की कोशिश किसी का मस्तक झुकाना है।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'इस साल परिस्थिति काफी अलग है। हम अब भी शांति के साथ मौजूदा समस्या का हल करना चाहते हैं। साथ ही साथ हम किसी भी परिस्थिति से भी निपटने के लिए तैयार हैं।' राजनाथ ने कहा कि पिछले कई दशकों से सीमा पर चीन महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में जुटा है और अब भारत सरकार ने भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
चीन की कथनी और करनी में फर्क
राजनाथ सिंह ने कि भारतीय सेना ने चीन को भारी नुकसान पहुंचाया है और चीन की कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि शांति बहाल के लिए कई समझौते हुए लेकिन चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता है।
राजनाथ सिंह ने कहा, '15 जून को कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की अखंडता के बचाव के लिए गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए।'
रक्षा मंत्री ने कहा, 'भारत और चीन दोनों ने औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा विवाद एक जटिल मुद्दा है और इसके समाधान के लिए शांति की जरूररत है। इस मुद्दे का समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए। हमने चीन को डिप्लोमेटिक और मिलिट्री चैनल के माध्यम से यह अवगत करा दिया कि इस प्रकार की गतिविधियां, स्थिति को एक तरफा बदलने का प्रयास है। यह भी बता दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।'
लोकसभा में राजनाथ सिंह का बयान
इससे पहले मंगलवार को रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन पड़ोसी देश द्वारा यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा।
राजनाथ ने कहा कि वे सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। सिंह ने अप्रैल के बाद से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के हालात और सीमा पर शांति के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया था।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे से संदेश दिया गया कि समस्त देशवासी जवानों के साथ खड़े हैं। रक्षा मंत्री ने अनुसार मौजूदा स्थिति में चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं।