राजनाथ ने सशस्त्र बलों की ओर से चलाए जा रहे कोविड राहत अभियान की समीक्षा की
By भाषा | Published: May 17, 2021 10:22 PM2021-05-17T22:22:51+5:302021-05-17T22:22:51+5:30
नयी दिल्ली, 17 मई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए सशस्त्र बलों, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सोमवार को समीक्षा की।
अधिकारियों ने कहा कि सिंह ने यह समीक्षा एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये की और इसका जोर विभिन्न राज्यों में समर्पित कोविड अस्पतालों की स्थापना, सैन्य अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तरों का निर्माण, ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना और संकट से निपटने के लिए डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या में वृद्धि पर रहा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रक्षा सचिव अजय कुमार ने बैठक में कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से लगभग 800 डॉक्टरों को तैनात किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) में सभी शॉर्ट सर्विस कमीशन वाले डॉक्टरों को 31 दिसंबर तक सेवा विस्तार देना शामिल है, जो सेवानिवृत्त होने वाले थे।
मंत्रालय ने एक टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से असैन्य रोगियों को ऑनलाइन परामर्श प्रदान करने के लिए सेवानिवृत्त सैन्य डॉक्टरों से भी सम्पर्क किया है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक बैठक में संकट के समय सेना के तीनों अंगों और रक्षा मंत्रालय के अधीन अन्य संस्थाओं की ओर से उठाए गए विशिष्ट कदमों के बारे में राजनाथ सिंह को अवगत कराया गया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बैठक में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि उनके बल ने देश और विदेश में ऑक्सीजन कंटेनरों और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के परिवहन के लिए विभिन्न मिशनों में 990 उड़ानें भरी हैं।
थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने आश्वासन दिया कि कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में सेना के प्रयासों में कोई कमी नहीं है।
उन्होंने रक्षा मंत्री को जानकारी दी कि चिन्हित स्थानों पर सैन्य अस्पतालों ने नागरिक कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अलग बिस्तर निर्धारित किए हैं और नयी दिल्ली में बेस अस्पताल की क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि सेना प्रमुख ने कहा कि इन अस्पतालों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे और ऑक्सीजन की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन संयंत्र, सिलेंडर और सांद्रक खरीदे जा रहे हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को विदेश से मेडिकल ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के परिवहन में भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा प्रदान की जा रही रसद सहायता के बारे में बताया।
डीआरडीओ अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद और पटना में स्थापित नये अस्पताल काम कर रहे हैं और कोविड-19 रोगियों के इलाज में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह की सुविधाएं नागरिक अधिकारियों के अनुरोध पर उत्तराखंड के ऋषिकेश और हल्द्वानी और जम्मू और श्रीनगर में स्थापित की जा रही हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीआरडीओ ने पांच दबाव स्विंग एडजोर्पशन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र (चार दिल्ली में और एक हरियाणा में) स्थापित किए हैं और इस महीने के अंत तक ऐसी 150-175 और सुविधाएं स्थापित करने का काम प्रगति पर है।
जनरल बिपिन रावत ने नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सेना के तीनों अंगों के बीच उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेना ने स्थानीय नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित की हैं।
राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा कि हालांकि कोविड-19 मामलों में गिरावट आ रही है, लेकिन सभी हितधारकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने निर्देश दिया कि तीनों अंगों के अलावा रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठन कोविड-19 चुनौतियों के बावजूद अपना नियमित काम जारी रखें।’’
मौजूदा संकट के मद्देनजर सेना और नौ सेना ने कई राज्यों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल तैयार किए हैं।
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