Rajiv Gandhi Assassination Case: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले में कोर्ट ने एक दोषी को रिहा करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि इस मामले में पहले से सजा काट रहे दोषियों में से एक दोषी एजी पेरारिवलन को शीर्ष कोर्ट ने रिहा करने को कहा है। आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारिवलन की समयपूर्व रिहाई की मांग के फैसले को सुरक्षित रख लिया था। अपनी याचिका में दोषी पेरारिवलन ने तमिलनाडु सरकार की ओर से सितंबर 2018 में की गई सिफारिश को आधार बनाया है और इसके जरिए रिहाई की बात कही थी।
बाकी दोषी भी हो सकते है रिहा
मामले से जुड़े जानकारों ने पहले कहा था कि अगर यह फैसला दोषी पेरारिवलन के पक्ष में आता है और वे रिहा हो जाते हैं तो ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बाकि दोषी भी रिहा हो सकते हैं। आपको बता दें कि इस मामले में अभी भी नलिनी श्रीहरन, मरुगन और एक श्रीलंकाई नागरिक सहित अन्य दोषी सजा काट रहे है। इस मामले में कुल सात लोगों को दोषी ठहराया गया था जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को 2014 में आजीवन कारावास में बदल दिया था।
गौर करने वाली बात यह है कि 2016 और 2018 में जे जयललिता और एके पलानीसामी की सरकार ने इन दोषियों के रिहा करने की शिफारिश की थी, लेकिन उस समय उनकी रिहाई नहीं हो पाई थी। इसके बाद इस सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था और यहां भी लंबे समय से कोई फैसला नहीं आया तो अंत में दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जहां से आज दोषी पेरारिवलन को रिहाई मिली है।
क्यों हुई थी पेरारिवलन को सजा
आपको बता दें 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या की गई थी जिसके बाद 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। दोषी पेरारिवलन पर यह आरोप था कि वह दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड शिवरासन को दिया था जो इस हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ था। इस आरोप के सिद्ध होने के बाद पेरारिवलन को सजा हुई थी। सजा के समय पेरारिवलन 19 साल का था और वह पिछले 31 सालों से सजा काट रहा था। उसने जेल में ही अपनी पढ़ाई पूरी की और डिग्रीयां भी हासिल की है।