कुछ समय पहले राज्य में शराबबंदी की चर्चा थी और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधीवादी विचारधारा के कारण शराबबंदी के समर्थक भी रहे हैं, लेकिन संभवतया पड़ौसी राज्य गुजरात समेत जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां के प्रायोगिक परिणामों के मद्देनजर राजस्थान में शराबबंदी का निर्णय नहीं हो सका.
इस संबंध में करीब दो हफ्ते पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राज्य विधानसभा में कहा था कि राजस्थान सरकार राज्य में शराबबंदी पर कोई विचार नहीं कर रही है. प्रश्नकाल में मंत्री का कहना था कि शराबबंदी को लेकर मिले प्रस्तावों पर विचार व आकलन के लिए एक समिति तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सीएस राजन की अध्यक्षता में गठित की गयी थी. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया था कि शराबबंदी राजस्थान के लिए व्यावहारिक नहीं है और मद्य संयम ही एकमात्र समाधान है.
उनका कहना था कि सरकार राज्य में शराबबंदी पर फिलहाल कोई विचार नहीं कर रही है. उन्होंने सदन को यह भी सूचित किया कि राज्य सरकार ने अपनी आबकारी नीति हाल ही में घोषित की है, जिसमें मद्य संयम के प्रावधानों पर जोर दिया गया है.
उधर, खींवसर से रालोपा विधायक नारायण बेनीवाल का कहना है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी की बेहद जरूरत है. उन्होंने कहा- अनशन करने के दौरान विधायक गुरुशरण छाबड़ा ने प्राण तक त्याग दिए. उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए राज्य सरकार को प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करनी चाहिए. परिवार टूटे नहीं और प्रदेश नशा मुक्त हो, नशा माफियाओं पर लगाम लगे.
इधर, जयपुर जिले में आबकारी नीति वर्ष 2020-21 के अनुसार मदिरा लाइसेंस के लिए लॉटरी 12 मार्च को मानसरोवर वीटी रोड स्थित आवासन मण्डल की खाली जमीन में निकाली जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसकी तैयारियों के सम्बन्ध में मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर-दक्षिण शंकरलाल सैनी की अध्यक्षता में जिला कलक्ट्रेट में बैठक हुई. बैठक में यातायात पुलिस, पीएचईडी, जेवीवीएनएल, पुलिस, चिकित्सा, पीडब्यूडी, नगर निगम एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को लॉटरी स्थल पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने हेतु निर्देशित किया गया. जिला आबकारी अधिकारी जयपुर शहर सुनील भाटी ने बताया कि आबकारी जिला जयपुर शहर एवं ग्रामीण के लिए 25 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. लॉटरी प्रातः 11 बजे शुरू होगी!