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Breaking News: राजस्थान CM गहलोत को बड़ी राहत, BSP विधायकों के विलय के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज

By स्वाति सिंह | Updated: July 27, 2020 19:26 IST

बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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ठळक मुद्देराजस्थान हाई कोर्ट ने सोमवार को अशोक गहलोत को बड़ी राहत दी है।कोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दी है

जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट ने सोमवार को अशोक गहलोत को बड़ी राहत दी है। दरअसल, कोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दी है, जिसमें बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी थी। बसपा भी याचिका देकर इस मामला का पक्ष बनी थी, लेकिन मायूसी हाथ लगी। अब बसपा अपने विधायकों से कह रही है कि वे विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें।

बता दें कि मदन दिलावर ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

राज्यपाल मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का संशोधित प्रस्ताव सरकार को वापस भेजा

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र बुलाने संबंधी राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'बिंदुओं' के साथ सरकार को वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा का सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है। इसके साथ ही राजभवन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि राजभवन की विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई भी मंशा नहीं है।

राजभवन ने जो तीन बिंदु उठाए हैं उनमें पहला बिंदु यह है कि विधानसभा सत्र 21 दिन का स्पष्ट नोटिस देकर बुलाया जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि राज्य सरकार विश्वास मत हासिल करना चाहती है तो यह अल्पावधि में सत्र बुलाए जाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है। राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की राज्य सरकार की संशोधित पत्रावली को तीन बिंदुओं पर कार्यवाही कर पुन: उन्हें भिजवाने के निर्देश के साथ संसदीय कार्य विभाग को भेजी है।

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