नागौरः राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में है। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को चुनावी राज्य में अपना जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया। इस बीच, राजस्थान सरकार भी योजनाओं और बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए जयपुर में दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' आयोजित कर रही है।
आपको बता दें कि सचिन और सीएम गहलोत में कई साल से कोल्ड वार चल रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता सचिन ने किसान बाहुल्य इलाका नागौर से रैली की शुरुआत की। 2018 में भी भाजपा सरकार के खिलाफ सचिन पायलट ने पूरे राजस्थान में रैली और रोड शो किया था।
23 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी मैराथन जनसभाओं की शुरुआत करने से पहले सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेतृत्व से मुलाकात की थी। टोंक विधायक ने कहा कि 16 से 19 जनवरी तक नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और पाली समेत कई जिलों के 'किसान महासम्मेलन' को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट इस दौरान किसान, आम जनता और पार्टी के कार्यकर्त्ता से मिलेंगे। राजस्थान विधानसभा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। पायलट ने ट्वीट कर कहा कि मैं राजस्थान के विभिन्न जिलों में लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच रहूंगा, वह सोमवार को पहली जनसभा 'किसान सम्मेलन' के लिए परबतसर पहुंचेंगे, जिसके बाद मंगलवार को हनुमानगढ़ में एक और सम्मेलन होगा।
बीकानेर में भी लोगों से रूबरू होंगे। वह 20 जनवरी को जयपुर में छात्र सभा को भी संबोधित करेंगे। राज्य में पायलट और गहलोत के बीच नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान के बीच पायलट ने यात्रा शुरू की। पिछले सितंबर में, राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिला था।
गहलोत खेमे के 80 से अधिक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। पायलट 5 जिलों में 20 जनवरी तक संवाद करेंगे। सबसे बड़ी बात है कि पायलट यात्रा गुर्जर बाहुल्य पूर्वी राजस्थान से न करके पश्चिमी से कर रहे हैं। यह इलाका जाट बाहुल्य है। राजस्थान की 40 प्रतिशत सीटें यहां से आती हैं।